विशेषज्ञों की मानें तो भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हो गया है !
क्या भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हो गया है ? इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि हमें नहीं पता लेकिन हम ज्यादातर लोगों का टेस्ट नहीं कर रहे हैं इस लिए साफ साफ कुछ नही कह सकते । वहीं कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में दो तीन हफ्ता पहले ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हो गया है यह उसी समय हुआ है जब दूसरे देशों में यह शुरू हुआ था ।
भारत उनसे अलग नहीं है हम अभी उन लोगों का टेस्ट करना नहीं शुरू करें हैं जो भारत में रह रहे हैं । अभी तक हम सिर्फ उनलोगों की जांच पड़ताल कर रहे हैं जो किसी दूसरे देश की यात्रा करके वापस भारत आए हैं -ऐसा कहना है सेंटर फॉर डिजीज डाइनेमिक इकोनामिक एंड पॉलिसी के डायरेक्टर रामानंद लक्ष्मीनारायण का ।
सामुदायिक ट्रांसमिशन उस उस स्थिति को कहा जाता है जब एक व्यक्ति के पास दूसरे देशों की यात्रा का इतिहास नहीं होता है । उसके बावजूद वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जाता है । ऐसे लोगों का परीक्षण करने पर इनका कोरोनावायरस का रिजल्ट पॉजिटिव आता है । यह ज्यादातर वे लोग होते हैं जिनके बारे में सही से पता नहीं होता है कि यह वायरस से संक्रमित हैं या नहीं और ये चीजें और भी ज्यादा चिंताजनक हो जाती हैं कि अब अन्य लोगों ने भी कोरोनावायरस तेजी से फैल सकता है ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी कहा है कि भारत को फिर से नई रणनीति के साथ जांच करके जरिए पता लगाना चाहिए कि भारत में कितने लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं । अभी तक भारत का कहना है कि भारत में कुल होना वायरस से 151 लोग संक्रमित पाए गए हैं तथा इसमें 3 लोगों की मौत हुई है ।
स्थिति तेजी से बदल रही है हमें और ज्यादा लोगों को ढूंढना होगा उनका टेस्ट करना होगा और उन्हें समाज से अलग-थलग करना होगा । हमें अपने अस्पतालों को और हेल्थ वर्करों को इसके लिए प्रशिक्षित करना होगा और इसके लिए तैयार रखना होगा ।
ऐसा कहना है डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह का जोकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय डायरेक्टर है । जब तक हम जांच नहीं करते हैं तब तक हमें कुछ पता नहीं चल सकता है और जितनी भी जांचे हो रही है वो पर्याप्त नहीं है । अभी यह महामारी शुरुआती दौर में है इसलिए इसके मरीज बहुत कम कैसे देखने को मिल रहे हैं ।
लेकिन जब यह शुरू हो जाएगा तभी स्थिति काफी भयानक हो जाएगी । ऐसे में जरूरत यह है कि ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा सके जैसे कि इटली और साउथ कोरिया देशों में हुआ । इन्होंने अपने यहाँ ज्यादा लोगों की जांच की और काफी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए । लेकिन समय रहते ये देश अपने लोगों को इस संक्रमण से बचाने के लिए कदम उठा लिया सतर्क हो गए ।
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मालूम हो कि कोरोना वायरस का चीन के वुहान शहर में सबसे पहले दिसंबर में मामला आया था और जब पहला मामला इस वायरस का सामने आया तब से अब तक करें 205000 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं तथा अब तक करीब 8200 लोगो कोरोना वायरस के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं ।
इटली ने अपने यहां 31000 कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के बात कंफर्म की है वही 2500 मौतें जनवरी से अब तक इटली में हुई है । यूरोपीय देशों में इटली पहला देश है जहां पर इतनी ज्यादा मामले देखे गए हैं । वहीं साउथ कोरिया में कोरोना वायरस से मृत्यु होने का पहला मामला 20 जनवरी को देखा गया था । अब तक साउथ कोरिया में 81 मौतें हो चुकी हैं तथा 8302 कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके है ।