अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा मलेरिया रोधी दवा कोरोना के इलाज में है कामगार

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा मलेरिया रोधी दवा कोरोना के इलाज में है कामगार

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है । भारत में भी कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है । कोरोना वायरस के मामले भारत में बढ़कर 195 हो चुके हैं तथा अब तक कुल 5 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से भारत में हो चुकी है । इसी बीच देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की सलाह दी है ।

बता दें कि कोरोना वायरस का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है और दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके लिए टीका और दवा खोजने में लगे हुए हैं । कुछ दवाएं कोरोना वायरस के इलाज में कामगार साबित हो रही हैं । अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि मलेरिया के मरीजों के इलाज में दी जाने वाली दवा कोरोना के इलाज में काफी मददगार साबित हो रही है ।

मालूम हो कि मलेरिया को रोकने के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरो क्वीन का इस्तेमाल किया जाता है । अब अमेरिका के राष्ट्रपति का कहना है कि यह दवा कोरोना वायरस से निपटने में भी काफी मददगार है । उनका कहना है कि इस दवा की मदद से कोरोना महामारी को रोकने में मदद मिल सकती है । ट्रंप ने बताया कि इसके शुरुआती परीक्षण जो किये गए उसके रिजल्ट काफी उत्साहजनक हैं ।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से कहा कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि कोरोना वायरस के रोगियों के लिए एंटीवायरल थेरेपी का इस्तेमाल करके उनका इलाज किया जाए । उनका कहना है कि कोरोना जैसी महामारी से निपटने में यह दवा एक गेम चेंजर साबित हो सकती है ।

अगर यह पूरी तरीके से सफल होती है तो कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को रोकने में काफी मदद मिल सकती है । डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि हमने इस दवा के अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब इसे मंजूरी दे दी गई है । जल्द ही इस दवा को उपलब्ध कराए जाने की बात कही जा रही है ।

मालूम हो कि अमेरिका में 10000 से भी ज्यादा कोरोना वायरस मामले पाए गए हैं और मौत का आंकड़ा 160 तक पहुंच चुका है । अमेरिका के खाद्य एवं औषधि विभाग के आयुक्त का मानना है कि मलेरिया की इस दवा का अन्य कई दृष्टिकोण से भी परीक्षण वो लोग कर रहे हैं ।

इसमें क्लोरो क्वीन, रेमेडिसवीर और एंटीबायोटिक को भी शामिल किया जा रहा है क्योंकि यह सारे रसायन कोरोना वायरस के मरीजों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं । मालूम हो कि क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल 1940 के बाद से मच्छर से फैलने वाली बीमारी मलेरिया के इलाज में किया जा रहा है और यह पूरी दुनिया में व्यापक रूप से उपलब्ध है ।

इस रसायन का उपयोग मलेरिया के रोकथाम के लिए पहले मलेरिया के संक्रमण को रोकने के लिए और उसके बाद मलेरिया के उपचार में में भी  इसका उपयोग किया जाता है ।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *