जानिए कोरोना वायरस कितना जानलेवा है !
करोना वायरस का संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि भारत में हालात बेकाबू होने की स्थिति में हो गए हैं । सरकार पूरे देश को लाक डाउन करने की घोषणा कर चुकी है । हर कोई कोरोनावायरस के खौफ से डरा हुआ है । ऐसे में सवाल ये उठता है कि कोरोनावायरस क्या वाकई जानलेवा है ?
क्या किसी को कोरोना वायरस हो जाने से वह मर जाएगा या फिर उसके जिंदा रहने की भी कोई चांस है ?
चलिए जानते हैं इसी के बारे में : –
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनावायरस संक्रमण हो जाने के बाद भी मारने की संभावना 0.5 से 1 फीसदी के बीच रहती है । यानी कि कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या के हिसाब से मृत्यु दर बेहद कम है । वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार कोरोनावायरस से मरने वालों की मृत्यु दर करीब 4 फीसदी कही गई है ।
कोरोना वायरस से जुड़े अलग-अलग देशों के मामलों से होने वाली मौतें के आंकड़े काफी भ्रमक हो सकता है, क्योंकि काफी हद तक कोरोना वायरस से मरने वालों की उम्र, स्वास्थ्य और उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं के अवसर पर भी निर्भर करता है । संक्रमण रोगों के विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा जान का खतरा केवल उन्हीं लोगों को है जो पहले से ही किसी दूसरी बड़ी स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं ।
अभी हाल में हुए लंदन के इंपीरियल कॉलेज के एक ताजा आंकड़ों की बात माने तो उसका कहना है कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण होने पर उनकी औसत मृत्यु दर लगभग 10 गुना अधिक है तथा 40 साल से कम उम्र के लोगों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर मृत्यु की संभावना बेहद कम है ।
हालांकि ब्रिटेन के मुख्य चिकित्सा सलाहकार के अनुसार बुजुर्गों में मृत्यु दर अधिक है क्योंकि ज्यादातर लोग पहले से ही दूसरी बीमारी से पीड़ित होते हैं या फिर इसकी वजह से उन्हें अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं । लेकिन उन्होंने चेतावनी दी है कि हमें इस बात अनदेखा नहीं करना चाहिए कि कोरोनावायरस से युवाओं को कोई खतरा नही है । कोरोना संक्रमण के चलते वे आईसीयू भी पहुंच सकते हैं ।
ऐसे में कोरोनावायरस से होने वाले खतरे को सीधे तौर से उम्र के जोड़कर नहीं देखना चाहिए । बता दें कि चीन के कोरोनावायरस संक्रमण के 44 हजार मामलों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि जिन लोगों को पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, सांस से जुड़ी या दिल से जुड़ी हुई समस्या रही है उनकी मृत्यु दर लगभग 5 गुना पाई गई ।
अभी हमारे पास इतनी पर्याप्त जानकारी नहीं है कि हम यह कह सके कि यह अलग-अलग लोगों के साथ किस तरह का खतरा उत्पन्न करता है । फिलहाल वायरस की वजह से होने वाली मृत्यु को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा जान का खतरा है सावधानी न बरतने पर है ।
कोरोनावायरस के अधिकतर मामले में व्यक्ति को इसके लक्षण बहुत कम नजर आते हैं और वे डॉक्टर के पास नहीं पहुंचते हैं जिसकी वजह से इस संक्रमण के ज्यादातर मामले दर्जा ना होने पाने की वजह से बहुत से मामले सामने नही आ पाते । मालूम हो कि अब तक कोरोनावायरस से 4 लाख से भी ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं ।
हर देश में इस संक्रमण से होने वाली मृत्यु की मृत्यु दर का आकलन करने के लिए अलग-अलग मानक अपना रहे हैं । लेकिन अगर कोरोनावायरस से संक्रमित कोई भी व्यक्ति की स्थिति ज्यादा खराब होने पर अगर वह आईसीयू में पहुंचता है तब उससे मृत्यु होने और मृत्युदर बढ़ने की संभावना ज्यादा हो जाती है ।