कोरोनो के चलते दुनियाभर में लॉक डाउन लेकिन स्वीडन में लोग क्यो जगह घूमफिर रहे

कोरोना के चलते दुनिया भर में लॉक डाउन लेकिन स्वीडन में लोग क्यो जगह जगह घूमफिर रहे

कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे विश्व में देखा जा रहा है । चीन के बाद कोरोना वायरस इटली, स्पेन समेत यूरोप के कई देशों में काफी तेजी से फैल रहा है और मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है । हर देश अपने अपने तरीके से इस महामारी से निपटने की कोशिश कर रहा है । ज्यादातर देशों ने कोरोना वायरस निपटने के लिए लॉक डाउन कर दिया है या फिर इस तरह की पाबंदियां लगाई है और जिम, रेस्त्रां आदि को बंद कर दिया गया है लेकिन एक ऐसा भी देश है जो कुछ विशेष अंदाज में ही कोरोना वायरस से निपटने की कोशिश कर रहा है ।

खास बात यह है कि इस देश में किसी भी प्रकार की कोई भी पाबंदी नहीं लगाई गई है जैसे कि अन्य देशों में किया गया है । यहाँ पर लोग जिम जा रहे हैं, शॉपिंग जा रहे हैं, रेस्त्रां में जा रहे हैं, प्राथमिक स्कूल भी खुली हुई है ।

जी हां हम बात कर रहे हैं स्वीडन की । स्वीडन में भी कोरोना वायरस के मामले देखे गए हैं और यहां पर भी लोगों की कोरोना वायरस से मौत हुई है लेकिन अन्य दूसरे यूरोपीय देशों की तुलना में स्वीडन में कोरोनावायरस के मामले काफी कम है और मरने वालों की संख्या भी बहुत कम है ।

मालूम हो कि स्वीडन की आबादी लगभग एक करोड़ है और अब तक स्वीडन में 3700 कोरोना वायरस के मामले आ चुके हैं और इससे 110 लोगों की मौत हो चुकी है । वहीं अगर यूरोपीय देशों की बात करें तो कोरोना वायरस से इटली में सबसे ज्यादा 10023 लोगों की मौत हुई है तथा स्पेन में 6528 लोगों की मौत हो चुकी है । मालूम हो कि स्वीडन का मौसम कुछ अलग है । यहां पर सर्दियों का आखिरी दौर चल रहा है यानी कि सर्दियां बीत रही है ।

भारत ने जहां लोग घरों में कैद हैं वही स्वीडन में लोग सड़कों पर घूमते हुए नजर आ जाएंगे जो मौसम का आनंद ले रहे हैं  स्वीडन में 25 मार्च से एक नया नियम लागू किया गया है जिसके अनुसार लोग रेस्त्रां में जाने पर सिर्फ टेबल पर ही बैठ सकते हैं और बार काउंटर में खाना पीना नहीं दिया जा रहा है ।

हाईस्कूल और यूनिवर्सिटीज को बंद कर दिया गया है लेकिन प्राथमिक कक्षाओं की पढ़ाई जारी है । खास बात यह है कि जैसे दुनिया भर में कोरोना वायरस को लेकर अफवाहें फैलाई गई है यहां ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है । यहां बाहर 500 लोग एक साथ इकट्ठा हो सकते हैं क्योंकि इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि यह लोगों का मौलिक अधिकार है ।

हालांकि एहतियात के तौर पर लोगों को सामाजिक मेलजोल न करने और घर से काम करने की बात कही गई है । कोरोना वायरस के चलते ही दुनिया भर के खेल आयोजनों और 2020 के टोक्यो ओलंपिक को रद्द कर दिया गया है ।

स्वीडन में ज्यादातर लोग अकेले रहते हैं । इसलिए यहां पर इस तरह की पाबंदियां नहीं लगाई गई है क्योंकि फिर अकेलापन ज्यादा बड़ी समस्या बन जाती । हालांकि यहाँ की सरकार ने अपने देशवासियों के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि वे अपने चेहरे को बार-बार ना छुए, साथ ही किसी भी बीमार व्यक्ति से संपर्क न बनाएं । स्वीडन की सरकार कोरोना वायरस से शांति और नियंत्रित तरीके से निपटना चाहती है ।

स्वीडन में किसी भी बड़े इवेंट आर्गेनाईजेशन पर पाबंदी लगाई गई है । लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया है और घर से ही काम करने के लिए कहा गया हालांकि बहुत ज्यादा जरूरी होने पर लोग ट्रेवल भी कर सकते हैं स्वीडन में ऐसे कई लोग हैं जो व्यक्तिगत रूप से जरूरतों की मदद कर रहे हैं और समूह बनाकर काम कर रहे हैं जिससे जो लोग घर में रह रहे हैं उन्हें परेशानी का सामना ना करना पडे । लोगो को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है और लोग इस नियम को मान रहे है ।

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