क्या कोरोना वायरस चीन के वेपन्स का हिस्सा है और इसके लिये सरकार है जिम्मेदार
कोरोना वायरस चीन सहित पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया है । कोरोना वायरस के लेकर पहले से कई सारे खुलासे हो चुके हैं । अब तक करीब 500 लोग कोरोना वायरस की वजह से मौत के मुंह में समा चुके हैं । अभी एक खबर ने सबको चौंका दिया है कि कोरोना वायरस किसी सी फूड मार्केट या फिर किसी मीट मार्केट से या जानवर से नहीं फैला है ।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह वायरस आया कैसे और इसके पीछे किसका हाथ है ? इसको लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं । कोरोना वायरस को लेकर चीन की एक वेबसाइट ने जनवरी में ही सवाल का जवाब देकर एक बड़ा खुलासा किया था । चीन की ज़ी न्यूज़ नाम की वेबसाइट ने 25 जनवरी को एक बड़ा खुलासा किया था जिसके अनुसार कोरोनावायरस किसी मार्केट से नहीं बल्कि पी 4 लैब से आया था ।
यह पी 4 लैब हुवाई प्रांत के वुहान में स्थित है । वुहान वह जगह है जहां पर कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है । इस वेबसाइट के अनुसार, कोरोना वायरस अटैक के पीछे चीन के वैज्ञानिक का हाथ है जिसका नाम डियेन ग्यो है । इसी व्यक्ति ने वैज्ञानिक ने कोरोना वायरस को बनाया है । इस वेबसाइट की खबर के माने तो चीन के उपराष्ट्रपति ने इस वायरस के अटैक का आदेश दिया था ।
इस खबर के सामने आने के बाद चीन की सरकार और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना इसके लिए अमेरिका पर आरोप मढ़ा और कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया कि कोरोना वायरस को अमेरिका ने तैयार किया है । इस वेबसाइट पर प्रकाशित खबर के अनुसार चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने यह माना है कि यह वायरस किसी मार्केट से नहीं आया है बल्कि यह चीन के बायोलॉजिकल वेपंस प्रोग्राम का हिस्सा था ।
जहां तक वायरस के पीछे पी 4 लैब का जिक्र है तो इसको लेकर दुनियाभर के बॉयोलोजिकल वेपंस एक्सपर्ट में इस तरह का अंदेशा पहले जताया था । वुहान शहर में पी 4 लैब सी फ़ूड मार्केट से करीब 20 मील की दूरी पर स्थित है । वेबसाइट से मिली जानकारी में कहा गया है कि पार्टी ने यह भी मान लिया है कि कोरोनावायरस गलती से लीक हो गया था और इस लिहाज से पार्टी इसे मानवीय भूल बताने की कोशिश की है ।
हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है । खबर के मुताबिक कम्युनिस्ट पार्टी ने ही वायरस के जानवरों से इंसानों में फैलने की अफवाह फैलाने का भी काम किया है ।
इस लैब को बनाने में करीब 10 साल का समय लगा था । इस लैब को बनाने के पीछे मकसद सार्स जैसी बीमारी पर काबू पाने के लिए उनका इलाज खोजना था । अकेले चीन का वुहान ही नहीं बल्कि दुनियाभर में इस तरह की दूसरी लैब भी हैं जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के रेफेरेंस लैब के नाम से भी जाना जाता है ।
ऐसी ही एक लैब जापान में भी है जो पी 4 नाम से ही जाना जाता है । इस वेबसाइट के अनुसार जिस वक्त इस वायरस से पीड़ित होने का पहला मामला वुहान में सामने आया था उसके कुछ समय पहले ही चीन के उपराष्ट्रपति ने वहां का सीक्रेट दौरा भी किया था ।