खुशखबरी : कोरोना के लिए वैक्सीन के पहले चरण के चूहों पर किया गया परीक्षण सफल
कोरोना वायरस भयावह का रूप धारण कर लिया है । भारत में भी करवाना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर ढाई हजार से ऊपर हो गई है । दुनिया भर के वैज्ञानिक इसके लिए वैक्सीन और दवा बनाने में जुटे हुए हैं और समय-समय पर इससे जुड़े शोध विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहा है ।
अब ईबायोमेडिसिन पत्रिका में एक शोध प्रकाशित हुआ है जिसमें यह कहा गया है कि कोरोनावायरस के लिए तैयार की जा रही वैक्सीन अपने पहले चरण में सफलता हासिल कर ली है । इस वैक्सीन के पहले चरण में चूहों पर परीक्षण किया गया जिसमें यह सफल रही । अब इसका परीक्षण इंसानों पर किया जाएगा । कोरोना वायरस यानी कि कोविड-19 से मुकाबला के लिए यह वैक्सीन की खोज काफी महत्वपूर्ण है ।
यह वैक्सीन एंटीबॉडी के उत्पत्ति करने में सफल रही है यानी कि इसके जरिए खतरनाक कोरोनावायरस को बेअसर किया जा सकेगा । ई बायोमेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित शोध में कहा गया है कि पहले परीक्षण में चूहों को कोरोना वायरस वैक्सीन दी गई तो चूहों ने 2 हफ्ते के अंदर ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाना शुरु कर दिए ।
अभी इस वैक्सीन को पिट्सबर्ग होना वायरस वैक्सीन के नाम से इस पत्रिका में बताया जा रहा है । अमेरिका के पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता एंड्रिया द्वारा इस शोध का अध्ययन किया है । उनका कहना है कि अब हम यह जानते हैं कि इस कोरोना वायरस से कहां पर मुकाबला करना चाहिए ।
शोधकर्ता का यह भी कहना है कि यह नई वैक्सीन एनीमल टेस्ट में सफल हो गई है अब इसका अगला परीक्षा इंसानों पर ही किया जाएगा और आने वाले कुछ माह में यह शुरू हो जाएगा और अगर इंसानों पर यह परीक्षण सफल हो जाता है तब इसको बाजार में आने में लगभग 1 साल का समय लगेगा । वैसे इस बात की पूरी संभावना है कि यह परीक्षण इंसानों पर भी सफल हो जाएगा ।
लेकिन सवाल यहां यह है कि उसकी वैक्सीन आने में अभी 1 साल का समय लगेगा जो कि काफी लंबा समय है क्योंकि हालात जिस तरह बद से बदतर होते जा रहे हैं ।
इसके लिए जल्दी कोई सटीक दवा की जरूरत है, जिससे उसे बैश्विक का स्तर पर जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जा सके । नई दवा के परीक्षण के इंसानों पर परीक्षण की सफलताके लिए काफी उम्मीद वैज्ञानिकों को नजर आ रही है क्योंकि यह दवा सेल्स के स्तर पर कोरोना वायरस से लड़ती है और उन्हें रोकती है । इसकी दवा के जरिए कोरोना वायरस का इलाज मुमकिन हो जाएगा ।
जनरल में प्रकाशित शोध में यह बताया गया है कि कोविड-19 की वजह बनाने वाला वायरस के अहम पहलुओं पर इस शोध के जरिए नजर डाली गई है ।
सेल्स लेवल पर वायरस के प्रतिक्रिया के बारे में विस्तृत जानकारी मिलने से यह भी पता चल जाएगा कि यह वायरस किस तरह से ब्लड सेल्स और किडनी को संक्रमित करने का काम करता है ।
कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता जोशेफ पेनिगर का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के इलाज के लिए जो दवा विकसित की जा रही है उसको लेकर हमें काफी उम्मीदें है ।