कोरोना वायरस इंसानों के साथ अर्थव्यवस्था पर भी कहर बरपायेगा
साल 2020 की शुरुआत के साथ ही कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से होकर पहले चीन और फिर पूरी दुनिया में फैलने लगा । जिससे सबसे ज्यादा प्रभावित चीन के लोग हुए । कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से हजारों लोगों की मौत हुई है । चीन समेत दुनिया के अन्य देशों में कोरोना वायरस के कहर की वजह से लोग दहशत में आ गए और पूरा वैज्ञानिक जगत कोरोनावायरस को रोकने के लिए प्रयास करने लगा और इसका इलाज ढूंढा जाने लगा ।
लेकिन अब कोरोना वायरस इंसानों के बाद कारोबार पर भी असर डालना शुरू कर दिया है । एक तो पहले से ही अर्थव्यवस्था में मंदी में थी कोरोना वायरस की वजह से यह और भी ज्यादा बढ़ गई । चीन और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में गिने जाते हैं ।
कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ इसलिए इसका सबसे ज्यादा असर चीनी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है । इसके अलावा इस वायरस की वजह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी सुस्ती देखने को मिल रही है । चीन और अमेरिका दोनों अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से इसका असर दुनिया के अन्य देशों पर भी पड़ेगा ।
भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही कोरोनावायरस से निपटने के लिए सचेत हो गई है । वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि कोरोना वायरस के असर से निपटने के लिए विभिन्न स्तर पर इसके अन्य विकल्पों को ढूढने की बात कही है और यह भी कहा कि विभिन्न मंत्रालय के सचिव कोरोना वायरस का अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की समीक्षा कर रहे हैं । मालूम हो कि भारत अमेरिका और चीन के साथ 150 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार करता है ।
ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि कराना वायरस का असर चीनी अर्थव्यवस्था के साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी देखने को मिल सकता है । हालांकि भारत के अर्थशास्त्री कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर पर इसका असर देखने को नहीं मिलेगा । रेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स भी दावा किया है कि कोरोना वायरस की वजह से ग्लोबल अर्थव्यवस्था की विकास दर में 0.4 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है ।
मालूम होगी मूडीज ने साल 2020 के लिए ग्लोबल अर्थव्यवस्था के विकास दर का अनुमान 2.4 फीसदी लगाया है जो कि कोरोना वायरस के दस्तक देने से पहले 2.8 फीसदी था । कोरोना वायरस के चलते ही अमेरिका में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है । मालूम हो कि कोरोनावायरस चीन, अमेरिका, पाकिस्तान, मलेशिया, नेपाल जैसे देशों के अलावा इराक, ईरान, इटली, दक्षिण कोरिया जैसे कई देश भी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति पाए गए हैं ।
मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से चीन में पर्यटन का कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हुआ है और पर्यटक चीन नहीं जा रहे हैं विदेशी एयरलाइंस भी चीन नही जा रही । मालूम हो कि करीब 30 लाख चीनी नागरिक हर साल अमेरिका घूमने के मकसद से जाते हैं, लेकिन कोरोनावायरस का असर इटली में भी देखने को मिला है जिससे पर्यटक यूरोप यात्रा पर भी जाने से पहले सोचने लगे हैं । एक तरह से पूरा यूरोपीय ट्यूरिज्म कोरोना वायरस की ही वजह से प्रभावित हुआ है ।
कोरोना वायरस की वजह से चीन में फैक्ट्रियां बंद हो गई है और एप्पल, नाइक, जनरल मोटर्स जैसी दिग्गज कंपनियो का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है । ऐसा अनुमान जताया गया है कि माल में कमी की वजह से अमेरिका में दो बड़ी कंपनियों अमेज़ॉन और वालमार्ट के स्टोर में अगले 1 से 2 महीने में सामान में कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है ।
मालूम हो कि ग्लोबल स्तर पर चीन विभिन्न प्रकार के जिंसों को खरीदने वाला सबसे बड़ा खरीदार है दूसरी तरफ चीन में मांग की कमी हो जाने की वजह से वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत घट सकती है, इसके अलावा कॉपर, सोयाबीन जैसे कई उत्पाद की भी कीमत में कमी देखने को मिलेगी ।
एक तरफ जहाँ ये अच्छी बात है वहीं दूसरी बात यह भी है कि इन चीजों के दामों में गिरावट की वजह से जो देश चीन को इन चीजों की सप्लाई करते हैं उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होंगी खास करके लैटिन अमेरिका के कई देशों की घरेलू अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर देखने को मिलेगा ।