300 साल पहले भी आई थी कोरोना वायरस महामारी और सालों तक लोग इससे थे प्रभावित
पिछले साल से कोरोना वायरस महामारी का कहर जारी है। दुनिया भर में अब तक 16 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस महामारी से संक्रमित हो चुके हैं। अब तक इस महामारी के चलते 34 लाख से भी ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके है।
इतिहास में पहले भी ऐसा हुआ है, जब कोरोना वायरस जैसे महामारी फैल गई थी। हाल में ही बोस्टन के लाइब्रेरी एंड आर्काइव्स के मंत्री की डायरी और कई डिजिटल कार्ड को ऑनलाइन पोस्ट कर दिया गया है।
इस रिकॉर्ड में बताया गया है कि 1700 के दशक के आसपास चेचक नाम की महामारी फैली थी। इस महामारी का दंश बहुत ही ज्यादा हुआ था। उस दौरान इस विनाशकारी महामारी के चलते हजारों लोगों की जान चली गई थी।
इससे कई सारे लोग प्रभावित हुए थे। उस समय इस महामारी से लड़ने के लिए किसी भी प्रकार का टीका या बेहतर उपचार उस दौर में उपलब्ध नहीं था।
इस रिकॉर्ड की माने तो चेचक महामारी का भयानक प्रभाव सबसे ज्यादा अमेरिका के तटीय इलाकों से दूर के इलाकों में देखने को मिला था। हालांकि आज भी यदाकदा भारत मे चेचक का प्रकोप देखने को मिलता है।
लेकिन अब इसके लिए टीका उपलब्ध हो गया है। बताया जाता है कि जब चेचक महामारी आई थी तो यह आज से करीब 300 साल पहले आई थी।
उस समय मानव सभ्यता एक नई महामारी को झेलने में सक्षम नहीं थी। यह ठीक उसी तरह की स्थिति थी जैसे इस समय की महामारी कोरोना वायरस स्व लोग परेशान है।
इसी कड़ी में कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस की तीन सदी पहले आई चेचक महामारी के बीच समानता देखी है जो कि हैरान करने वाला है।
न्यू इंडियन हिस्ट्री का वंशावली सोसाइटी के लिए काम करने वाले वोदनार ने इस बारे में कहा है कि इतने सालों के बाद भी मानव में बहुत कम बदलाव आए हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया है कि अगर हम अपने अतीत के रिकॉर्ड को देखें तो 17वीं शताब्दी में चेचक महामारी आई थी और इस समय कोरोना वायरस बीच समानता देखने को मिल रही है। यह एक काफी दिलचस्प और समानांतर प्रक्रिया जैसे ही है।
मालूम हो कि चेचक महामारी का अंतिम भयानक प्रभाव साल 1949 में भी देखने को मिला था और फिर उसके बाद उसका इलाज होना शुरू हुआ। तब जाकर लाखों लोगों की जान इस वायरस से बचाई जा सकी थी और लाखों लोगों ने अपनी जान गवाई थी।
1980 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक शाखा ने चेचक महामारी को पूर्णता समाप्त होने की घोषणा की थी। 1980 के बाद अब तक स्वाभाविक रूप से चेचक के कई केस सामने आए हैं लेकिन वह भयानक रूप में नहीं रहे हैं।
इस हिसाब से देखा जाए तो 300 साल से इस महामारी का उद्भव हुआ था और जाकर 1980 में इसका अंत हुआ था। एक तरह से कह सकते है कि इस एक महामारी को खत्म होने में लगभग 280 साल का लंबा वक्त लग गया था।
तो सबसे अहम सवाल ये है कि क्या कोरोना वायरस महामारी के साथ ही यही होने वाला है? क्या यह महामारी सालों तक बनी रहेगी? फिलहाल इसके बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
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