कोरोना वायरस की दूसरी लहर में युवाओं को भी पढ़ रही ऑक्सीजन की जरूरत

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में युवाओं को भी पढ़ रही ऑक्सीजन की जरूरत

भारत में कोरोनावायरस की दूसरी नहर देखने को मिल रही है। लाखों की संख्या में हर दिन नए मामले सामने आ रहे हैं। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर में लोग हवाओं के जरिए भी संक्रमित हो रहे हैं।

अर्थात कोरोना वायरस हवा के जरिए फैल रहा है। इस बार कोरोना वायरस संक्रमण ज्यादा प्रभावी है। पहले दिन से ही फेफड़े पर सीधा असर डाल रहा है।

यही वजह है कि मरीजों की स्थिति गंभीर हो रही है और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ा रहा है। स्थिति ऐसी बन गई है कि 25 से 30 वर्ष के युवाओं को भी ऑक्सीजन सपोर्ट और वेंटीलेटर की जरूरत पड़ रही है।

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय व अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने मरीजों पर की गई केस स्टडी के आधार पर निष्कर्ष निकाला है।

बहुत सारे ऐसे मरीज पाए गए हैं जिनके फेफड़े में कोरोना वायरस संक्रमण के बावजूद उनकी RT PCR रिपोर्ट नेगेटिव आई है।

वही कोरोना वायरस नेगेटिव मरीजों का सिटी स्कैन देखने पर पॉज़िटिव से तुलना करने पर दोनों में एक जैसे लक्षण नजर आ रहे हैं। ऐसे में सभी लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।

कोरोना का घातक असर

किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में रेस्पिरेट्री मेडिसिन विभाग के विदेश विभाग अध्यक्ष डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी के अनुसार वर्ष 2020 में और 2021 में कोरोना के संक्रमण में काफी अंतर है।

पहले कोरोना वायरस का संक्रमण दो दिनों तक नाक में रहता था और उसके बाद में वह गले और पांचवें दिन फेफड़े तक पहुंचते था और फेफड़े के कुछ हिस्से को डैमेज करता था।

कोरोना वायरस पॉजिटिव

लेकिन इस बार कोरोना वायरस के दूसरे लहर में संक्रमण का असर सीधे फेफड़े तक पहुंच रहा है और कोविड-19 जैसी स्थिति पैदा कर रहा है।

यही वजह है कि मरीजों की स्थिति गंभीर बन रही है और मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। यूपी के कई जिलों के लोग सांस की समस्या लेकर आ रहे हैं।

इनकी rt-pcr रिपोर्ट नेगेटिव आई है। लेकिन सिटी स्कैन में सिटी में आंकड़ा 15 से ऊपर था जो कि कोरोना वायरस जैसे है। ऑक्सीजन लेवल भी उससे कम पाया गया है। लेकिन कोरोना के उपचार के बाद में ठीक हो गया।

सांस से जुड़ी समस्या

एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ सौरभ मित्तल के अनुसार इस बार का कोरोना वायरस का स्टैन ज्यादा खतरनाक है। पहले संक्रमण के दूसरे हफ्ते में सांस से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होती थी।

लेकिन आप पहले हफ्ते में ही मरीजों में ऑक्सीजन का लेवल खतरनाक स्तर तक गिर जा रहा है। स्थिति इतनी खतरनाक है कि 25 से 30 वर्ष के युवाओं को भी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ रही है।

अब परिवार में कोई एक व्यक्ति संक्रमित हो रहा है तो सभी को यह संक्रमण तेजी से फैल जा रहा है। ज्यादातर मामलों में परिवार के सभी सदस्यों को इलाज करना पढ़ रहा है।

कोरोना वायरस से बचने के लिए दिन में तीन से चार बार भाप ले, गरारे करें और बाहर से आने के बाद हल्के गुनगुने पानी से नहाए। इसके अलावा मास्क और शारीरिक दूरी का सही ढंग से पालन करें।

यह भी पढ़ें :– क्या हवा के जरिए फैल रहा कोरोना वायरस? आइये जाने पूरा सच

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