चक्रवाती तूफान यास अगले 72 घंटे में भयंकर हो कर उड़ीसा के तट से टकरा सकता है
अभी कुछ दिन पहले हिंद महासागर में ताउते तूफान आया था। जिसकी वजह से भारत के दक्षिणी हिस्सों में जैसे कि गुजरात, राजस्थान, मुंबई में काफी जान- मान का नुकसान देखने को मिला।
अब ताउते के बाद एक और चक्रवात भारत की तरफ बढ़ रहा है। इस चक्रवात का नाम है यास। यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी में बन रहा है और अगले 72 घंटे में यह उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से टकरा सकता है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए आशंका व्यक्त की है कि 22 मई 2021 के आसपास उत्तरी अंडमान और इसके पूर्व में स्थित बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है।
जिससे 24 से 26 मई के बीच में एक चक्रवाती तूफान यास में तब्दील होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ते हुए 26 मई की सुबह के आसपास उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के तट से टकरा सकता है।
बता दें कि पूर्वोत्तर भारत में बंगाल की खाड़ी से दक्षिण-पश्चिम हवाओं और निचले स्तरों पर असम के ऊपर चक्रवात से उप हिमालय, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय जैसे राज्य में भारी बारिश होने का भी अनुमान लगाया गया है।
कहा जा रहा है कि यदि ताउते तूफान की तरह यास तूफान भी खतरनाक होता है तो इससे पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में भारी तबाही मच सकती है। इस तूफान का असर 22 मई से शुरू हो जाएगा। इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है।
ताउते के बाद फिर से अगला तूफान बंगाल की खाड़ी यानी कि अरब सागर में आने वाला है इस तूफान को गुलाब नाम दिया गया है और इस तूफान का नाम हमारे देश के पड़ोसी देश पाकिस्तान ने दिया है।
चेतावनी –
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि जब यह तूफान बंगाल और ओडिशा के तट से टकराएगा तो इससे उत्तरी उड़ीसा के तटीय जिले सबसे अधिक प्रभावित होंगे। राज्य सरकार को सलाह दी गई है कि फसलों के नुकसान को बचाने के लिए तुरंत सुरक्षा के सभी उपाय अपनाए जाएं।
दक्षिण पश्चिम अरब सागर और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की आशंका है। इसके 60 किलोमीटर प्रति घंटे की गति पहुंचने की आशंका व्यक्त की गई है।
मौसम विभाग द्वारा मछुआरों को सलाह दी गई है कि वह किसी भी तरह की मछली पकड़ने तथा अन्य व्यापारिक कामों के लिए इन क्षेत्रों में जाने से बचें।
पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे अंडमान सागर में 55 से 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है जोकि बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक हो सकती है
क्या जलवायु परिवर्तन है तूफान आने का कारण? –
वैज्ञानिकों का मानना है कि तूफानों के तटों के करीब आने के लिए जलवायु परिवर्तन भी जिम्मेदार हो सकते हैं। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के वायुमंडली पैटर्न में जो बदलाव आया है।
उसका कारण संभवत जलवायु परिवर्तन हो सकता है। जलवायु परिवर्तन की वजह से बढ़ते तापमान के साथ वायुमंडलीय पैटर्न में भी बदलाव हो रहा है और यह बदलाव चक्रवातों को जन्म दे सकते हैं।
हर साल 30-32 चक्रवात उष्णकटिबंधीय महासागर में बनते हैं जो प्रमुख रूप से प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और हिंद महासागर और उसके आसपास के क्षेत्रों को बुरी तरीके से प्रभावित करते हैं।
इन तूफानों से अरबों डालर का नुकसान होता है। अभी हाल में ही एमिशन गैप रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकाशित की गई है।
इसमें कहा गया है कि यदि तापमान में इस तरह से वृद्धि होती रही तो सदी के अंत तक 3.2 डिग्री सेल्सियस के पार यह वृद्धि हो जाएगी। जिसकी वजह से विनाशकारी परिणाम झेलने पड़ेंगे। इसका व्यापक असर चक्रवाती तूफान के रूप में भी देखने को मिल सकता है।