अनुपयोगी वस्तुओं से सजाएं अपने सपनों का घर
छिंदवाड़ा – अपने खाली समय में घर की अनुपयोगी सामग्रियों से हम इतनी सजावट की नई वस्तुएं बना सकते हैं कि लोग उसे आपसे खरीदने के लिए बेताब हो जायेंगे!
जी हां, इस बात को विगत कई वर्षों सिद्ध कर रही है छिंदवाड़ा की बहुमुखी प्रतिभा की धनी श्रीमती कविता भार्गव ! जो इन दिनों अपने नाम के अनुरूप ना सिर्फ काव्य क्षेत्र में बल्कि कला जगत में भी अपना हुनर दिखा रही है।
शिक्षा जगत में बी.ए , हिंदी और संस्कृत में एम.ए, के साथ साथ एल एल.बी, बीएड, डीएड, कंप्यूटर में पीजीडीसीए उच्च शिक्षित शिल्प, नृत्य, में रुचि रखने वाली श्रीमती कविता भार्गव अपनी कला प्रतिभा के कारण खुद एक कविता है।
हिंदी टाइपिंग, खेल, हिंदी और अंग्रेजी दो भाषा..में बेहतर ज्ञान रखने वाली श्रीमती कविता भार्गव द्वारा शादी के कार्ड से बनाए गए गुलाब के फूल, पानी की बोतल के ढक्कनो से बनाई गई कलाकृति, कांच की बोतल पर की गई पेंटिंग, कांच या प्लास्टिक की बोतल पर पुरानी लेस द्वारा की गई सजावट, घर में प्लास्टिक के डिब्बों पर की गई वरली पेंटिंग, पुराने दियों (मिट्टी के दीपक) को कलर करके बनाया गया झूमर, मेक्रम के धागों द्वारा बनाई गई चीजें, जूट के बैग पर पेंटिंग, कलर किए गए चावलों से बनाई गई कलाकृति, तेल की बोतल से बनाए गए भगवान गणेश, चित्रकारी कर बनाई गई मधुबनी चित्रकारी, जिसे मिथिला की कला भी कहते है लोगो के आकर्षण का केंद्र है ।
मधुबनी चित्रकारी, जिसे मिथिला की कला कहते है इसकी विशेषता चटकीले और विषम रंगों से भरे गए रेखा-चित्र अथवा आकृतियां हैं। इसमें खाली स्थानों को भरने के लिए फूल-पत्तियों, पशुओं और पक्षियों के चित्रों, ज्यामितीय डिजाइनों का प्रयोग किया जाता है ।
पुरानी घर की अनुपयोगी सामग्रियों से हम अपने खाली समय में इतनी सजावट की नई वस्तुएं बनाकर घर को कम खर्च में साज सज्जा से सुंदर बना सकते हैं !
जिले में शिक्षा जगत से जुड़ी एक आदर्श शिक्षिका के रूप में अपनी पहचान बना चुकी श्रीमती कविता भार्गव अब अपनी उत्कृष्ठ प्रतिभा के कारण भी लोगो के लिए अनुकरणीय मिशाल प्रस्तुत कर रही है उनकी प्रतिभा ,कला कृति देखने और सीखने लोग पहुंचते हैं!
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लेखक :- विशाल शुक्ल