आइए जानते हैं उन मशहूर वैज्ञानिकों को जिनकी जान उनके आविष्कार के चलते ही गई

आइए जानते हैं उन मशहूर वैज्ञानिकों को जिनकी जान उनके आविष्कार के चलते ही गई

कभी-कभी वैज्ञानिक कुछ ऐसा आविष्कार कर देते हैं जो उनकी मौत की वजह बन जाती है। वैसे किसी नई चीज को खोजना यानी अविष्कार करना आसान काम नहीं होता है।

इसमें वैज्ञानिकों को सालों लग जाते हैं, कभी कभी पूरी जिंदगी उनकी इसी में खत्म हो जाती है। बहुत कड़ी मेहनत के बाद ही कुछ वैज्ञानिक ऐसे होते हैं जो सफल हो पाते हैं।

आज हम कुछ ऐसे ही आविष्कारक और उनके आविष्कार के बारे में जानेंगे जो आज दुनिया में बहुत उपयोगी है। लेकिन दुख की बात यह है कि उनके आविष्कार ही उनके आविष्कारक की मौत की वजह बने है –

प्रिंटिंग प्रेस से मरे विलियम बुलोक :-

आज प्रिंटिंग प्रेस का इस्तेमाल हर जगह बहुत ज्यादा हो रहा है। लेकिन एक महान वैज्ञानिक के मृत्यु भी इसी प्रिंटिंग प्रेस में फसने से हो गई थी। अमेरिका के ग्रीनविले में जन्मे विलियम बुलोक की मृत्यु प्रिंटिंग मशीन ठीक करने के दौरान दबने से हुई थी।

वह रिचर्ड मार्च होई के द्वारा बनाई गई रोटरी प्रिंटिंग मशीन की मरम्मत कर रहे थे लेकिन इसमें फस जाने से उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी। लेकिन इन्ही के बदौलत आज प्रिंटिग इंडस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव भी हुआ है।

विंगसूट से फ्रांज रिचेल्ट :-

विंगसूट का विस्तार करने वाले आस्ट्रेलिया के महान वैज्ञानिक फ्रांच रिचेल्ट को मृत्यु मात्रा 33 साल को आयु में अपने आविष्कार की टेस्टिंग के दौरान हुई थी। बता दे फ़्रांच रिचेल्ट को आधुनिक विंगसूट का आविष्कारक कहा जाता है।

वह अपने इस आविष्कार की टेस्टिंग करने के लिए पेरिस के ऐसे टावर से कूदे थे, लेकिन इस दौरान उनकी मौत हो जाती है। इस तरह से उनका आविष्कार ही उनकी मौत की वजह बनता है।

पनडुब्बी के आविष्कारक होरेस लॉन्सन हंली :-

इन्होंने समुद्र में चलने वाली पनडुब्बी का आविष्कार किया था। यह पनडुब्बी हाथ से चलती थी। इनका जन्म अमेरिका के समय काउंटी में 29 दिसंबर 1823 में हुआ था।

लेकिन एक बार वह अपने पनडुब्बी का परीक्षण कर रहे थे लेकिन इसी दौरान उनके पनडुब्बी समुद्र में डूब जाती है और इसमें उनकी मौत हो जाती है, उनके साथ-साथ उनके क्रू मेंबर भी उस पनडुब्बी में मौजूद थे और इस हादसे में सभी लोग मारे जाते हैं।

उड़ने वाली कार बनाने वाले हेनरी स्मोलॉन्स्की :-

हेनरी स्मोलॉन्स्की को दुनिया उड़ने वाली कार बनाने वाले वैज्ञानिक के रूप में जानती है। इन्होंने उड़ने वाली कार का आविष्कार 1973 में किया था, जिसे उन्होंने एवीई मिराज नाम दिया था।

लेकिन जवाब टेस्टिंग के लिए अपनी फ्लाइंग कार में बैठते हैं और उसे उड़ा रहे होते हैं तभी कार दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है और इसमें उनकी मौत हो जाती है।

मैरी क्यूरी :-

मैरी क्वेरी आज हर वैज्ञानिक के लिए एक मिसाल है। उन्होंने रेडियम और पोलोनियम नमक दो तत्वों की खोज की थी।

इन्हें भौतिक वैज्ञानिक और रसायन शास्त्र दोनों का वैज्ञानिक कहा जाता है। इन्हें दोनों ही क्षेत्रों में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन उनकी इसी खोज के चलते हैं उनकी मौत 1934 में हो गई थी।

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दरअसल मैरी क्यूरी रेडियो एक्टिविटी पर काफी लंबे समय से काम कर रही थी लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा ही नहीं था कि रेडियोएक्टिव खतरनाक होता है और इसका उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

यही रेडियोएक्टिव तत्व आगे चलकर उनके शरीर को इतना ज्यादा नुकसान पहुंचा देते हैं कि उनकी मौत हो जाती है।

 

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