अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाले हैं भारत दौरे पर
भारत और अमेरिका के लिए फरवरी का महीना बेहद खास होने जा रहा है । यह खास इसलिए है क्योंकि 24 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत आने वाले हैं । मालूम हो कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के सातवें ऐसे राष्ट्रपति होंगे जो भारत आएंगे । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोशिश की थी कि 2019 में डोनाल्ड ट्रंप को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि बनाया जाए ।
लेकिन उन दिनों डोनाल्ड ट्रंप व्यस्त थे इसलिए मुमकिन नहीं हो पाया । डोनाल्ड ट्रंप का भारत आना इसलिए खास है क्योंकि इस साल के अंत में अमेरिका में चुनाव होने वाला है और अमेरिका में रह रहे भारतीय डोनाल्ड ट्रंप की जीत की राह को आसान बना सकते हैं ।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में भारतीय मूल के लोगों की संख्या अमेरिका में करीब 38 फीसदी तक बढ़ गई है । अमेरिका में सबसे ज्यादा तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग हैं फिर गुजरात, तमिलनाडु और केरल के लोग अमेरिका में जाकर बस गए हैं ।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गुजरात में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे जिसका नाम रखा गया है “केमछो ट्रंप” । इस कार्यक्रम का नाम उसी कार्यक्रम के तर्ज पर रखा गया है जिसके तहत जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे उसका नाम था “हाउडी मोदी” ।डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे पर आने से अमेरिका और भारत के बीच कुछ रक्षा समझौते पर भी चर्चा होगी ।
डोनाल्ड ट्रंप का भारत दौरा अमेरिका में भारतीयों की भागीदारी के लिहाज से खास है । वहीं दक्षिण एशिया के लिए भी खास है क्योंकि 9 फरवरी को रियाद में इस्लामिक सहयोग संगठन में विदेश मंत्रियों की बैठक हुई है । इस बैठक में सऊदी अरब के दबाव के बाद कश्मीर के मुद्दे को बाहर से हटा दिया गया था जिससे पाकिस्तान काफी खफा था ।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से तीनों ही मुलाकात पर कश्मीर का मुद्दा उठाया था जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की बात कही की थी ।
हालांकि भारत ने इस बात को खारिज कर दिया । अब जब डोनाल्ड ट्रंप भारत आ रहे हैं तो ऐसा संभावना जताई जा रही है कि वह इस संबंध में अपना पक्ष साफ कर देंगे । यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब मध्य एशिया में तनाव अपने चरम पर है । ईरान दो दिन पहले अपनी नई मिसाइल से दुनिया को रूबरू करवाया है ।
अमेरिका यह भी जानता है कि ईरान और भारत का रिश्ता काफी मजबूत है । ऐसे में ईरान और अमेरिका के बीच सामंजस्य में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है । सऊदी अरब इस समय भारत को तेल आपूर्ति कर रहा है ।
ऐसे में अमेरिका के राष्ट्रपति का भारत और सऊदी अरब दोनों के लिए एक संकेत हो सकता है और यह संकेत कहीं ना कहीं ईरान को चेतावनी देने वाला और साथ ही सऊदी अरब के साथ खड़ा होने जैसा भी हो सकता है ।
बता दें कि आज तक जितने भी अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आए हैं वो सब भारत आने के बाद पाकिस्तान गए थे । लेकिन अमेरिका के एक राष्ट्रपति जिमी कार्टर ही ऐसे राष्ट्रपति रहे हैं जो भारत आने के बाद पाकिस्तान नहीं गए थे । आ देखते हैं ट्रम्प क्या करते हैं ।