आइये जानते है DRDO की कोरोना की दवा 2DG को संजीवनी क्यो कहा जा रहा
भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए एक नई दवा 2DG लांच कर दी गई है। यह दवा कोरोना के खिलाफ एक नई उम्मीद की किरण की तरह है।
इसे भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (DRDO) के द्वारा विकसित किया गया है। इस दवा का नाम है- डीऑक्सी d-glucose
( 2DG)। कोरोना वायरस महामारी में डीआरडीओ की इस दवा को देश में गेम चेंजर और संजीवनी के तौर पर समझा जा रहा है।
यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के ऊपर काफी असरदार बताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस दवा के सेवन से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जल्दी ठीक होंगे और ऑक्सीजन पर निर्भरता भी कम होगी। इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता कम पाई गई है।
बता दें कि देश में बढ़ते कोरोना के बीच डीआरडीओ द्वारा बनाई गई यह दवा एक उम्मीद की किरण है।
किसने और कहां पर बनाई है यह दवा –
रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद के इनमास लैब में वैज्ञानिकों ने इस दवा को बनाया है। यह दवा डॉ रेड्डी लैब्स के साथ मिलकर बनाई गई है। इस दवा के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज जल्दी ठीक हो जा रहे हैं।
भारत में इस दवा के इस्तेमाल को डीसीजीआई ने अपनी अनुमति दे दी है । डीआरडीओ की प्रयोगशाला आईएमएमएस द्वारा इस दवा को एक एंटी कोविड-19 चिकित्सीय अनुप्रयोग विकसित किया गया है।
हालांकि इस दवा को लेकर लोगों के मन में कई सारे सवाल है। खास तौर पर लोग यह सोच रहे हैं कि यह दवा कैसे खायी जाएगी और कितनी मात्रा में लेनी है?आइए जानते हैं इसके बारे में और विस्तार से।
कैसे खाई जाएगी यह दवा –
डीआरडीओ द्वारा विकसित कोरोना वायरस की यह दवा एक पाउच में पाउडर के रूप में आ रही है। जिसे पानी में घोलकर पिया जा सकता है।
इससे कोरोना वायरस से संक्रमित कोशिकाओं में यह जमा हो जाती है और वायरस को संश्लेषण और ऊर्जा उत्पादन को रोककर कोरोना वायरस को शरीर में बढ़ने से रोकती है। वायरस संक्रमित कोशिकाओं में जाने से यह दवा संजीवनी बताई जा रही है।
कैसे करती है काम –
डीआरडीओ की यह दवा बहुजीवन बचाने के लिए एक उम्मीद की किरण है। कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों को अस्पताल में इस दवा के सेवन से कम दिन बिताने होंगे।
अब तक शोध के अनुसार यह दवा रोगियों को तेजी से ठीक कर रही है। यह दवा कोरोनावायरस के मरीजों को ऑक्सीजन पर निर्भरता को भी कम करती है क्योंकि यह दवा ग्लूकोज का एक सब्सीट्यूट है।
कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज एनर्जी के लिए शरीर में ग्लूकोज लेते हैं लेकिन ग्लूकोज की कमी हो जाने पर यह दवा इस्तेमाल करने से वायरस को एनर्जी मिलना बंद हो जाती है और उनका सिंथेसिस बंद होने लगता है। इस तरह से नया वायरस पनप नहीं पाता है और शरीर में मौजूद वायरस मरने लगते हैं।
कितनी मात्रा में लें यह दवा डीआरडीओ द्वारा विकसित यह दवा पाउच में पाउडर के रूप में मिले है। मुझे से मरीज पानी में घोलकर पी सकते हैं। यह दवा कितनी मात्रा में और कब लेनी है इसका निर्णय डॉक्टरों पर छोड़ा गया है।
डॉक्टर मरीजों की उम्र मेडिकल कंडीशन आदि की जांच करके इसके बारे में सलाह देंगे। डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा को ना लेने की चेतावनी भी दी है।