भारत की वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था पर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के विचार
भारतीय अर्थव्यवस्था में विभिन्न क्षेत्रों में मंदी पहले से ही देखने को मिल रही थी । लेकिन कोरोना वायरस के चलते यह मंदी की समस्या और ज्यादा गहरा गई । भारत ही नहीं दुनिया के तमाम अर्थव्यवस्था को कोरोना वायरस के चलते मंदी का सामना करना पड़ रहा है । ऐसे में जाने-माने अर्थशास्त्री और भारतीय केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय अर्थव्यवस्था के संबंध में अपने विचार रखें ।
रघुराम राजन का मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने इस समय जो चुनौतियां हैं यह अगर आर्थिक दृष्टि से देखें तो यह आजादी के बाद से सबसे बड़ी आपातकालीन स्थिति का दौर चल रहा है ।
रघुराम राजन ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए जरूरत है कि विपक्षी पार्टियों और विशेषज्ञों की मदद ली जाए । अभी हाल में ही रघुराम राजन ने एक ब्लॉग पोस्ट मैं यह बात कही है जो कि “हालिया समय में संभवत भारत की सबसे बड़ी चुनौती” नाम के शीर्षक से लिखा गया था । रघुराम राजन ने कहा है कि भारत की वर्तमान आर्थिक स्थिति संभवत आजादी के बाद से सबसे बड़ी आपातकाल की स्थिति में है ।
साल 2008-09 में आई वैश्विक आर्थिक संकट के दौरान मांग में काफी कमी देखने को मिली थी लेकिन तब कर्मचारी काम कर रहे थे और उन्हें रोजगार मिला हुआ था, कंपनियां साल दर साल लगातार वृद्धि करके मजबूत हो रही थी और उस समय फाइनेंसियल सिस्टम बेहतर स्थिति में था ।
सरकार के पास वित्तीय संसाधन भी काफी अच्छी हालत में उपलब्ध थे । लेकिन आज जब भारतीय अर्थव्यवस्था कोरोना वायरस महामारी के दौर से जूझ रही है तो इसमें बहुत कुछ ऐसा है जो सही नहीं है ।
हालांकि इस संदर्भ में पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने सुझाव देते हुए कहा है कि यदि उचित तरीके और प्राथमिकता के साथ इस संदर्भ में काम किया जाएगा तो भारत के पास ताकत के कई सारे स्त्रोत उपलब्ध है जिससे कोरोना वायरस के प्रकोप से निकला जा सकेगा साथ ही भविष्य के लिए भी भारत मजबूत हो जाएगी ।
प्रधानमंत्री कार्यालय से नियंत्रित होने की वजह से बहुत ज्यादा फायदा देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि वहां पर लोगों के पास काफी ज्यादा काम का दबाव पहले से ही मौजूद है । मौजूदा वक्त में बहुत कुछ करने की जरूरत है । सरकार को उन लोगों को बुलाना चाहिए और उनका सहयोग लेना चाहिए जो अनुभवी है और अपनी क्षमता साबित कर चुके हैं ।
भारत में कई सारे ऐसे लोग हैं जो सरकार को इस संकट से उबारने में सहयोग कर सकते हैं । सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर विपक्षी पार्टियों से भी इसमें मदद लेनी चाहिए तथा इस वैश्विक वित्तीय संकट से निकालने के लिए उनके अनुभव का इस्तेमाल करना चाहिए ।
वही कोरोना वायरस के संदर्भ में कहा कि करोना वायरस के प्रकोप से निकलने के लिए हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि इसकी बड़े पैमाने पर जांच की जाए तथा एक दूसरे से थोड़ी दूरी बनाई जाए जिससे इस संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके । उन्होंने प्रधान मंत्री के 21 दिन कि लॉक डाउन को सही बताते हुए पहला जरूरी कदम बताया क्योकि इससे तैयारी के लिए थोड़ा समय मिल जाएगा ।
रघुराम राजन ने यह भी कहा कि लॉक डाउन ज्यादा दिन तक लागू नहीं किया जा सकता है ऐसे में इस बात पर ध्यान देना होगा कि इस संक्रमण को कैसे नियंत्रित किया जाए और आर्थिक गतिविधियों को फिर से शुरू किया जाए ।