भारत सरकार के आर्थिक पैकेज से जुड़ी कुछ प्रमुख घोषणाएँ
कोरोना वायरस की वजह से चरमराई अर्थव्यवस्था की सप्लाई चैन को फिर से मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने अभी हाल में ही आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी । उसके बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने लगातार पांच दिन आर्थिक घोषणाओं के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार के घोषणाओं के संबंध में किस क्षेत्र को कितना पैसा दिया जाएगा ।
इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि सरकार के आर्थिक पैकेज की मदद आखरी तबके के लोगों तक मदद पहुंचाई जाएगी और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाया जाएगा । इसके लिए किसान, प्रवासी मजदूर, कारपोरेट सेक्टर उद्योग, बिजली कई क्षेत्रों में कुछ जरूरी कदम उठाए गए हैं ।
आईये जानते है किस झेत्र के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाया गया है :
- कृषि
- एक देश एक राशनकार्ड
- मनरेगा
- कोयला क्षेत्र
- घरेलू कृषि उत्पाद को बढ़ावा
कृषि : – कृषि उत्पादों के लिए बड़ा बाजार उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों की आय को बढ़ाने के संबंध में भी एक रोड मैप पेश किया है जिसमें कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ ही उत्पादक गुणवत्ता आपूर्ति आदि को मजबूत करने के संबंध में कदम उठाए जाने की बात है साथ ही किसानों के उत्पादों की ब्रांडिंग भी की जाएगी ।
इसके लिए कृषि ढांचे में सुधार के लिए भारत सरकार ने ₹100000 का पैकेज दिया है इसमें भंडारण के साथ ही आपूर्ति व्यवस्था को भी प्रमुख स्थान दिया गया है । मालूम हो कि किसानों के सबसे बड़ी चुनौती अनाजों की कटाई के बाद उसकी बिक्री और उसके भंडार के संबंध में होती है ।
एक देश एक राशनकार्ड : – गरीबों की मदद के लिए वित्त मंत्री ने पूरे देश में एक राशन कार्ड योजना को लागू करने की बात अगस्त 2020 की है । इस योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को देश के किसी भी कोने में उचित मूल्य की दुकान से राशन प्राप्त हो सकेगा ।
बशर्ते यह राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक होने चाहिए । इस कार्ड के जरिए ₹3 प्रति किलो की दर से चावल और ₹2 प्रति किलो की दर से गेहूं मिलेगा । इस योजना को खाद्य वितरण प्रणाली के संबंध में महत्वपूर्ण माना जा रहा है ।
मनरेगा :- मनरेगा के लिए वित्त मंत्री ने 40000 करोड रुपए के आवंटन की बात कही है जिससे वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों को अपनी ही गांव में रोजगार मिल सके । इसके अलावा सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी वृद्धि की जाएगी और स्वास्थ्य संस्थानों में निवेश को बढ़ाने की बात कही गई है ।
प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन का खर्चा 85 फीसदी केंद्र सरकार और 15 फ़ीसदी राज्य सरकार उठाएगी । साथ ही 8 करोड प्रवासी मजदूरों के लिए राशन की भी व्यवस्था की जाएगी ।
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कोयला क्षेत्र :- भारत सरकार ने घोषणा की है कि कोल इंडिया लिमिटेड की खदानों को निजी सेक्टर को सौंप दिया जाएगा और इस तरह से कोयला के क्षेत्र में सरकार का एकाधिकार खत्म हो जाएगा ।
वित्त मंत्री का कहना है कि सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से खनन ज्यादा से ज्यादा हो सकेगा और सरकार निवेश को बढ़ाने के लिए फास्ट ट्रैक इन्वेस्टमेंट प्लान को मंजूरी दे रही है ।
मालूम हो कि कोल इंडिया लिमिटेड 1975 में स्थापित हुई थी और दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी के साथ ही बड़े कॉर्पोरेट के रूप में भी जाती है ।
घरेलू कृषि उत्पाद को बढ़ावा :- सरकार घरेलू कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दे रही है । इसके लिए फूड प्रोडक्ट्स के लिए क्लस्टर अलग अलग राज्य में बनाये जाएंगे, खास करके उन राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके यहां का कोई उत्पाद लोकप्रिय है – जैसे उत्तर प्रदेश का आम, तेलंगाना की हल्दी, कश्मीर का केशर आदि ।