जानते हैं आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के बारे में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को लोकसभा में पेश कर दिया गया है । इस आर्थिक सर्वेक्षण में यहां अनुमान लगाया गया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की विकास दर 6 फ़ीसदी से 6.5 फ़ीसदी के बीच रह सकती है । आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि वित्तीय मोर्चे पर भारत अगले साल की दिक्कतों का सामना कर रहा है, वो कम हो जाएगी ।
आर्थिक सर्वेक्षण को पहले लोकसभा में पेश किया गया इसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया । आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की संभावना जताई गई है कि साल 2025 तक अच्छी तनख्वाह वाली चार करोड़ और 2030 तक आठ करोड़ नौकरियां दी जा सकती है ।
इसके साथ ही भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ने की संभावना भी बताई गई है ।हर साल आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है जिससे यह पता चल सके कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था किस हाल में है और इसे और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है ।
इसी के साथ ही बजट को तैयार करने में आर्थिक सर्वेक्षण के दिए गए सुझाव पर अमल करने के लिए सरकार जरूरी उपाय और योजनाओं की घोषणा करती है । इस बार के आर्थिक सर्वेक्षण में थालीनॉमिक्स पर जोर दिया गया है । थालीनॉमिक्स एक तरह से लोगों को नई टर्मिनोलॉजी लग सकती है ।
थालीनॉमिक्स में बताया गया है कि एक व्यक्ति की थाली में सही से खाद्यान्न पहुंच रहा है या फिर नहीं । आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में थालीनॉमिक्स में 29 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और इसकी वजह यह है कि हर साल 10388 की बचत प्रत्येक परिवार को हुई है । इस आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात की संभावना जताई गई है कि चालू वित्त वर्ष में कम कर संग्रह हो सकता है । जीएसटी से सरकार को संग्रह बढ़ने की उम्मीद है ।
आर्थिक सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर 5 फ़ीसदी की रफ्तार से रहेगी । मांग बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय करने होंगे जिससे अर्थव्यवस्था को सुस्ती से निकाला जाए । इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि ग्रोथ को बढ़ाने के लिए नियमों में ढील देनी पड़ेगी क्योंकि ग्लोबल ग्रोथ के स्लो होने का भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है ।
साल 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है तथा साथी छोटे उद्योगों के लिए लोन और अन्य सुविधाओं को सरकार बढ़ावा देगी ।इस साल का आर्थिक सर्वेक्षण भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार सुब्रह्मण्यम की टीम ने 6 महीने में तैयार किया है । आर्थिक सर्वेक्षण से ही पता चलता है कि बीते साल में अर्थव्यवस्था का क्या हाल रहा है ।
आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए मुख्य आर्थिक सलाहकार सरकार को सलाह देते हैं ताकि अर्थव्यवस्था अपने लक्ष्यों को हासिल कर सके । इस बार की आर्थिक सर्वेक्षण की खास बात यह है कि इस आर्थिक सर्वेक्षण को लैवेंडर रंग के कागज पर छापा गया है लैवेंडर वही रंग है जिस पर अब भारत का 100 रुपये का नोट छप रहा है ।