भारत शक्तिशाली देशो के वैश्विक मंच जी-7 मे हो सकता है शामिल
भारत के लिए एक अच्छी खबर है, भारत शक्तिशाली देशो के वैश्विक मंच जी-7 मे शामिल हो सकता है । दुनिया भर में फैली कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अपने यहां जिस तरीके से इसके फैलाव को रोकने में कामयाब रहा है इससे भारत वैसे वैश्विक स्तर पर काफी मजबूत हुआ है और हर कोई भारत की तारीफ कर रहा है। इस महामारी के दौर में भारत की साख में बढ़ोतरी हुई है।
इसी बीच अमेरिका समेत तीन अन्य देशों ने भारत को जी-7 में शामिल करने की इच्छा जाहिर की है। अगर भारत जी-7 में शामिल हो जाता है तब यह चीन और पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा क्योंकि जी-7 एक बहुत बड़ा और शक्तिशाली मंच है। अमेरिका ने एक बड़ा रोड मैप तैयार कर लिया है।
आर्थिक मंदी से उबरने के बारे में विचार करने के लिए अमेरिका ने जी-7 के बैठक को सितंबर तक के लिए टाल दिया है। सितंबर में यदि भारत जी-7 में शामिल हो जाता है तब इससे भारत की ताकत बढ़ जाएगी और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति भी मजबूत होगी। साथ ही इसके साथ भारत और अमेरिका का रिश्ता में मजबूत होगा और एशिया में भारत की ताकत पर मुहर लगेगी।
मालूम हो कि अमेरिका ने जी-7 में भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया को शामिल करने की बात कही है। रूस बराक ओबामा के प्शासन काल के समय में जी-8 का हिस्सा था लेकिन जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया तब 2014 में उसे इस ग्रुप से निकाल दिया गया था।
वहीं वर्तमान समय में दुनियाभर में फैली कोरोना वायरस महामारी के चलते दुनिया के कई देश चीन की घेराबंदी कर रहे हैं और ऐसे में जी-7 को बढ़ाकर जी-11 करने की बात हो रही है और इसमे शामिल होने से भारत की कूटनीतिक अहमियत इससे बढ़ रही है।
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मालूम हो कि वर्तमान समय में जी-7 में अमेरिका के अलावा इटली, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, कनाडा और फ्रांस शामिल है। भारत,ऑस्ट्रेलिया, रूस और दक्षिण कोरिया इन 4 देशों के शामिल हो जाने से यह जी-7 बड़ा हो कर जी-11 हो जाएगा।

व्हाइट हाउस की तरफ से जी-7 के सदस्यों की संख्या बढ़ाए जाने की बात की गई है। इससे पारंपरिक सहयोग बढ़ेगा और और उन पर चर्चा भी हो सकेगी। कोरोना वायरस महामारी के की वजह से अमेरिका और चीन के बीच तनाव चल रहा है और भारत भी विश्व स्वास्थ्य संगठन के उन 62 देशों की लिस्ट में शामिल है जो कोरोना वायरस की उत्तपत्ति की जांच के मसौदे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
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इससे चीन की समस्या बढ़ गई है। लेकिन इसी बीच चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए भारत की सीमा पर तनाव उत्पन्न कर रहा है। हालांकि भारत की सेना भी मुस्तैदी से अपनी सीमा की रक्षा करने में जुटी हुई है।
मालूम हो कि जी-7 को दुनिया की सबसे ताकतवर समूह में जाना जाता है। भारत जब इसमें शामिल हो जाएगा तब यह भारत के लिए काफी सम्मान की बात होगी। इससे भारत एक ताकतवर राष्ट्र बन जाएगा। इससे भारत को रणनीतिक तौर पर तो फायदा होगा साथ ही व्यापारिक मुद्दे पर भी फायदा होने की संभावना है।