14 साल की उम्र में शादी 21 साल की उम्र में मां बनने वाली बॉलीवुड की स्टंट वुमन गीता टंडन की प्रेरणादायक कहानी
स्टंट डबल गीता टंडन :-
बॉलीवुड में कई प्रसिद्ध अभिनेताओं के लिए स्टंट डबल के रूप में काम करने वाली Geeta Tandon ( गीता टंडन ) भले किनारे का जीवन जी रही है लेकिन स्टंट वीमेन के लिए यह काम काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
हर स्टंट करने वालो के लिए हमेशा से यही हाल रहा है। स्टंट करने और मजबूत बनने के लिए उन्हें हर तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
कभी वह आग से खेलती है तो कभी गहरे समुद्र में गोता लगाती हैं। कार और बाइक पर खतरनाक स्टंट करती हैं और अपने शरीर पर लगने वाली छोटे-मोटे चोट को पुरस्कार के रुप में समझती हैं।
परिचय –
गीता टंडन ने अपनी जिंदगी में बहुत से भावनात्मक आघात जिले हैं। शायद यही वजह है जो उन्हें यह शारीरिक ताकत देता है। कहा जाता है न कि जो आपको मार नहीं सकता, वह आपको और ज्यादा मजबूत बना देता है।
स्टंट का पेशा –
गीता टंडन की शादी 14 साल की उम्र में ही हो गई थी। 21 साल की उम्र में हुआ पहली बार मां बन गई। उन्होंने इस दौरान को घरेलू हिंसा का सामना किया।
20 साल की उम्र में वह अपने पति के चंगुल से बचकर किसी तरह मुंबई भागने में कामयाब हो जाती हैं। इस पर वह बताती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें ऐसा काम करना पड़ेगा।
उन्हें नहीं पता था कि वह सड़कों पर कैसे जिंदा रह जाएंगी। लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं था। नहीं ही कभी उन्होंने स्टंट को एक कैरियर के पेशे के रूप में लेने के बारे में सोचा था।
लेकिन यह सही समय पर उनके पास आया। वह बताती हैं जीवन में एक समय था जब उन्हें काम और पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत थी।
उस समय परिवार को सहारा देने के लिए काम और पैसा जरूरी था। उनके पास उच्च शिक्षा भी नहीं थी जिससे वह कुछ और काम कर सकें। लेकिन उन्हें जिंदगी ने जो दिया उन्होंने उसे अपनाया और उसी में बेहतर करने की कोशिश की।
गीता बताती है कि जब उन्होंने स्टंट की नौकरी शुरू की थी तो उनके बच्चे बहुत छोटे थे। वह बताती हैं ऐसे में घर पर ताला लगाना और काम पर जाना उनके लिए दिल जलाने जैसा था क्योंकि घर में बच्चों की देखभाल करने के लिए कोई भी नहीं था।
गीता ने अपना पहला स्टंट्स लद्दाख में किया था। जिसमें गीता को आग लगाया जाना था। वह बताती हैं जैसे जैसे उनकी जलन ठीक हुई वैसे वैसे उनकी आत्मा जागती गई और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा।
वह कहती हैं वह आगे बढ़ती रही। इसी की बदौलत आज जो है, कर पाने में सक्षम है। गीता ने कार और बाइक पर भी कई तरह के स्टंट किए हैं।
यह तो कहती हैं कि उन्हें लगता है कि उनकी जिंदगी भी एक स्टंट है और वह उसमें बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं। वह अपने काम से खुश हैं. वह जो भी हैं उन्हें उसमें खुशी मिलती है।
राहत और स्वतंत्रता –
स्टंट वूमेन के रूप में काम करने से उनमें स्वतंत्रता के साथ-साथ राहत की भावना आई। वह बताती हैं हां यह खतरनाक है “हमेशा जब स्टंट के लिए जाती हूँ तो प्रार्थना करती हूं कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूं”।
वह बताती हैं कि उनको लगने वाली चोट इस बात का सबूत है कि वह आगे बढ़ा रही हैं और चुनौतियों से लड़ रही हैं।
महिलाओं को प्रेरित करने की चाह –
गीता कहती हैं कि सदियों से महिलाएं समाज में अपने हक के लिए अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करती रही हैं।
ऐसे में यह खतरे कुछ भी नहीं है। असली डर तो यह है कि अगर मेरे पास आज काम नहीं है तो मैं क्या करूंगी?
इसके अलावा किसी भी चीज से डरने का कोई मतलब नहीं है। वह कहती हैं अपने डर को भूल जाओ और आगे बढ़ो तभी कुछ कर सकते हैं।
गीता कहती है स्टंट पुरुष प्रधान क्षेत्र है। ऐसे में ऐसे कई लोग उनके स्टंट क्षमता पर संदेह करते थे और सोचते थे कि महिलाओं के ऐसे खतरनाक स्टंट नहीं करना चाहिए।
लेकिन उन्होंने अपने काम में किसी बात को रोडा नहीं बनने दिया। वह आगे बढ़ती रहें और चुनौतियों का सामना किया और अपने कामों से खुद को साबित किया।
प्रेरणा –
गीता कहती हैं कि उन्हें अपनी यात्रा के साथ अन्य महिलाओं को प्रेरित करने की उम्मीद है। उन्हें लगता है कि अब उन्हें पंख मिल गए हैं और वह आजाद हैं और उड़ सकती हैं।
वह फिल्मों में लीड रोल नहीं करती हैं लेकिन वह हीरो की तरह महसूस करते हैं। वह कहती हैं कि और अधिक महिलाएं उनसे प्रेरित होकर अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को तोड़े और आगे बढ़ें।
जो अपने सपने सच कर सके। वह कहती हैं चीजें बेहतर होती जाती हैं। जब हम उसके लिए आगे कदम बढ़ाते हैं। वह महिलाओं को चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करना चाहती हैं।