ATM Card की नहीं होगी, जरूरत UPI App से क्यूआर कोड (QR Code) स्कैन करके निकाले पैसा

गूगल ने भारतीय यूपीआई सिस्टम के तरीकों की तारीफ़, गिनाई खूबियां

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इंटरनेट की दिग्गज कंपनी गूगल ने भारत के यूपीआई सिस्टम के तरीकों की तारीफ की है । यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस ( यूपीआई ) स्कीम की तारीफ गूगल ने अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के सामने की। गूगल ने अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व बोर्ड को पत्र लिखकर भारत के सिस्टम के तरीकों का ब्योरा दिया है ।

गूगल ने भारत के यूपीआई के तर्ज पर अमेरिका में वही उसके अपने सिस्टम को लागू करने की सलाह दी । गूगल के वाइस प्रेसिडेंट मार्क कोवित अमेरिका के फेडरल रिजर्व सिस्टम के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सचिव है। मार्क ने पत्र 7 नवंबर को लिखा था और यह पत्र अब सार्वजनिक कर दिया गया है ।

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इस पत्र में मार्क ने कहा कि गूगल ने भारतीय बाजार में अपनी गूगलपे ऐप उतारने के दौरान ही भारतीय रिजर्व बैंक के भुगतान नियामक नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर काम किया है और भारत के यूपीआई सिस्टम की खूबियों को बारीकी से परखा है ।

मार्क ने भारत के यूपीआई सिस्टम की तीन खूबियां गिनाई । अमेरिका के केंद्रीय बैंक को लिखे पत्र में मार्क ने कहा है कि गूगल ने भारतीय बाजार में अपने गूगलपे ऐप लांच के दौरान भारत के रिजर्व बैंक के भुगतान नियामक में काम किया । 2016 में महज 9 सदस्य बैंकों के साथ लांच किए गए यूपीआई सिस्टम से अब करीब 140 बैंकों का जुड़ाव बताया ।

दूसरी खूबी यूपीआई के रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है यानी कि इधर भुगतान किया गया और भेजते हैं दूसरी तरफ उस व्यक्ति के खाते में पैसा पहुँच जाने की व्यवस्था ।

यूपीआई की तीसरी खूबी यूपीआई सिस्टम का ओपन होना है तकनीकी कंपनियों यूजर्स के लिए अपनी बात बना सकती हैं । मार्क ने बताया कि गूगल को भी इससे लाभ हुआ है । उन्होंने बताया कि पिछले साल सितंबर में गूगल के यूज़र 2.2 करोड़ से बढ़कर 6.27 करोड़ हो गए ।

मार्क ने बताया कि 3 साल के अंदर भारत के भुगतान प्रणाली सिस्टम यूपीआई से भारत में औसतन 19 करोड़ डालर की कीमत के लेन-देन हो रहे हैं । यानी कि करीब 80 करोड़ रुपए का लेनदेन हो रहा है जो भारतीय जीडीपी के कुल वार्षिक लेनदेन का 10 फ़ीसदी हिस्सा है ।

वर्ल्ड लाइन की ताजा रिपोर्ट इंडिया डिजिटल पेमेंट क्यू 3-2019 के अनुसार इस साल जुलाई से लेकर सितंबर के बीच भारत में यूपीआई के जरिए लेन-देन का आंकड़ा करीब 2.7 अरब का रहा जोकि पिछली तिमाही के मुकाबले 130 फ़ीसदी ज्यादा है ।

इसी तरह 2018 के मुकाबले इस तिमाही में 189 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली और 4.6 खरब रुपए का लेन-देन यूपीआई के ही जरिए किया गया । भारत को कैशलेस बनाने के लिए तथा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने आरबीआई की निगरानी में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यूपीआई ऐप को लांच किया था ।

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