साइलेंट हार्ट अटैक सामान्य हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक, जाने लक्षण
साइलेंट हार्ट अटैक सामान्य हार्ट अटैक की तुलना में ज्यादा खतरनाक होता है । साइलेंट हार्ट अटैक दिल से जुड़ी हुई एक बीमारी है । इसके लक्षण ज्यादातर दिखाई नहीं देते हैं और इसीलिए इन मेडिकल साइंस की भाषा में साइलेंट का नाम दिया गया क्योंकि इसमें कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं जो कि अन्य सामान्य हार्ट अटैक में आते हैं -जैसे कि सांस लेने में परेशानी होना या सांस का न चलना ।
लेकिन जब स्थिति ज्यादा खराब होने लगती है तो यह कुछ लक्षणों के जरिए जाना जा सकता है जैसे कि अपच की समस्या होना, जी मिचलाना, मांसपेशियों में दर्द होना आदि ।
लेकिन इन्हें साइलेंट हार्ट अटैक ना समझ के कुछ और ही समझ लिया जाता है और इस वजह से इसका सही ढंग से इलाज नहीं हो पाता है । बता दे कि साइलेंट हार्ट अटैक की वजह से सबसे ज्यादा मौते होती है ।
लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि यह अचानक से नहीं होता है बल्कि साइलेंट अटैक आने से पहले शरीर में कुछ परेशानियां होती हैं और जो बाद में इस बीमारी का कारण बन जाती हैं और शायद हार्ट अटैक आ जाता है ।
चलिए जानते हैं इसके वजह के बारे मे :—
रक्त वाहिकाओं में ब्लॉकेज की समस्या कभी भी हो सकती है और जब एस होता है तो यह पूरी तरीके से होता है । धमनियो में ब्लॉकेज हो जाने पर रक्त में थक्के बनने लगते हैं और इस वजह से नशे आप खुलने और बंद होने लग जाती हैं । ऐसे में कोशिकाएं और पूरा हार्ट धीरे-धीरे कमजोर पड कर खराब होने लगता है ।
यह एक गंभीर समस्या है । यह स्थिति अचानक से ही उत्पन्न हो जाती है । जब अचानक से ऐसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं तो धमनियों में रक्त का प्रवाह बाधित होने लगता है और जिसके कारण हार्ट अटैक आते हैं । विटामिन सी की कमी की वजह से वह हार्ट से संबंधित बीमारियां होने की संभावना सबसे अधिक रहती है ।
इस्केमिक हृदय रोग – इस बीमारी में रक्त का प्रवाह और उसके बाद ऑक्सीजन शरीर के विभिन्न हिस्सों में ठीक से नहीं पहुंच पाता है या फिर रुक रुक कर पहुंचता है । जिसकी वजह से शरीर के विभिन्न अंगों तक ऑक्सीजन की पहुंच नहीं हो पाती है तो मांसपेशियां में खून का प्रवाह नहीं हो पाता है और ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होती है ।
इस स्थिति को कोरोनरी हार्ट कंडीशन भी कहा जाता है । जब शरीर के किसी भी हिस्से में खून की आपूर्ति सही ढंग से नहीं हो पाती है तो इसका सबसे ज्यादा दबाव हृदय पर पड़ने लगता है और उस स्थिति में जब दबाव अत्यधिक बढ़ जाता है तो हार्ट अटैक आ जाता है ।
कोरोनरी आर्टरी डिजीज में कई बार कोरोनरी फेल्योर की वजह आर्टरी वॉल के फट जाने की वजह से होता है । हमारे शरीर में आर्टरी वाल की तीन परत होती है जब एक बार यह परत फट जाती है तो खून अहय हिस्सों में जाने लगता है और वहां पर इकट्ठा हो जाता है और बाद में इस वजह से धमनी संकुचित होकर ब्लॉक हो जाती है, जिसकी वजह से कोरोनरी फेल्योर की समस्या होती है क्योंकि ऐसे में खून का प्रवाह आंतों की मांसपेशियों तक सही ढंग से प्रवाहित नहीं हो पाता है ।
जब शरीर में अचानक से ऐसी असामान्य घटना होती है तो इसके लक्षणों को समझकर इसका तुरंत इलाज कराना बेहद जरूरी होता है ।
साइलेंट हार्ट अटैक के संकेत :—
- छाती में जकड़न और दर्द महसूस होना,
- सांस लेने में परेशानी होना,
- चक्कर आना,
- पसीना आना,
- एक या दोनों हाथ में, पेट और जबड़े में दर्द होना या ऐंठन होना ।
दिल से जुड़ी किसी भी परेशानी को जांचने के लिए कार्डियक टेलेमेटरी मॉनिटर यंत्र की सहायता से घर पर भी इसकी जांच की जा सकती है । इसकी सहायता से साइलेंट हार्ट अटैक के बारे में भी पता लगाया जा सकता है और फिर उसका इलाज किया जा सकता है । इस यंत्र के टेस्ट की मदद से दिल में हुए किसी भी तरह के परिवर्तन का पता चल जाता है ।
यह यंत्र इस बात का संकेत दे देता है कि आपको आने वाले समय में हार्ट अटैक आ सकता है । अगर साइलेंट हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण नजर आए तो इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।