आने वाले सालो में भारत मे बहुत भीषण गर्मी पड़ सकती है !
ठंड का मौसम अब जा रहा है, धीरे-धीरे तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है । बसंती बाद जल्द ही पर बढ़ने के साथ गर्मियों का मौसम आने वाला है और गर्मी से लोगो का हाल बेहाल होने वाला है । एक शोध में वैज्ञानिकों ने भारत में इस साल भीषण गर्मी की चेतावनी दी है ।
जनरल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में एक शोध प्रकाशित किया गया है जिसमें कहा गया है कि आने वाले कुछ सालों में भारत में भयंकर गर्मी पड़ेगी और स्थिति यूरोप और रूस की तरह हो जाएगी । दरअसल इस शोध में वैज्ञानिकों ने भारत में गर्मी पड़ने के लिए उन कारकों की खोज की है जिसकी वजह से भारत में भीषण गर्मी पड़ सकती है ।
वैज्ञानिकों ने शोध को करने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से हाई रिजुलेशन के रोजाना के तापमान का आंकड़ा इकट्ठा किया है । यह आंकड़े आजादी के बाद से 1951 से 1975 तक तथा 1976 से 2018 तक के भारत में गर्मी की आवृत्ति में होने वाले परिवर्तन के आंकड़े हैं ।
इन आंकड़ों को भारत के 395 कंट्रोल स्टेशन किया गया है । इन आंकड़ों का विश्लेषण करके भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान पुणे के वैज्ञानिकों ने उन कारकों की खोज की है जो भारत में भीषण गर्मी के लिए जिम्मेदार है ।
इस शोध के प्रमुख मनीष कुमार जोशी का कहना है कि आंकड़ो के विश्लेषण से यह बात पता चलती है कि भारत में गंगा के मैदानी इलाकों को छोड़ दिया जाए तो बाकी क्षेत्रों में में गर्मी में लगातार वृद्धि देखने को मिल रही है । आने वाले समय में भारत के तापमान में जो वृद्धि हो सकती है, वह स्थानिक बदलाव की वजह से है ।
क्योंकि गर्मी के दिनों में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है । शोधकर्ताओं के अनुसार भारत के उत्तरी भागों में वायुमंडल में हाई प्रेशर की स्थिति की वजह से गर्मियों के मौसम में आवृत्ति हो रही ही ।
वायुमंडल में यह हाई प्रेशर और उन हवाओं के बहाव से संबंधित भी है जो एंटीसाइक्लोन बनाते हैं । इन्हीं की वजह से वायुमंडल का दबाव बढ़ रहा है और बढ़ते वायुमंडलीय दबाव की वजह से वायुमंडल के तापमान में भी वृद्धि देखने को मिल रही है ।
इसे एडियाबेटीक कंप्रेशन भी कहा जाता है । इसके अलावा जलवायु परिवर्तन की वजह से भी वैश्विक तापमान में वृद्धि देखने को मिल रही है । गर्मियों के मौसम में भारत के विभिन्न हिस्सों में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी दर्ज की जाती है ।
हर साल तापमान में वृद्धि देखने को मिलती है जो कि आने वाले समय में भी मिलती रहेगी । वायुमंडल में ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा बढ़ने की वजह से तापमान में वृद्धि दर्ज की जा रही है जिसकी वजह से अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी करना पड़ता है ।
यह समय की जरूरत है कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन पर नियंत्रण किया जाए जिससे तापमान में होने वाली वृद्धि को कम किया जा सकता है ।