विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई

विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई

ऐसा पहली बार हुआ है जब धूम्रपान करने वाले और तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले पुरुषों की संख्या में लगातार वृद्धि के बजाय उस पर काबू पाया गया है । विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर में महामारी बनती जा रही समस्या के लिए तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों की संख्या में कमी आना एक अहम पड़ाव है ।

दुनिया भर में धूम्रपान करने वालों की संख्या में कमी  सरकारों के प्रयासों का नतीजा है । तम्बाकू इस्तेमाल करने वाले तम्बाकू छोड़ के जिंदगी जी है और स्वास्थ्य को सुरक्षित रख रहे है और तंबाकू को पराजित किया जा रहा है ।

इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में हर साल तंबाकू का सेवन परोक्ष रूप से करने से करीब 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है । साथ ही प्रत्यक्ष रूप से तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले 70 लाख  लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं । करीब 12 लोगों की मौत पैसिव स्मोकिंग की वजह से होती है यानी कि ऐसे लोग जो धूम्रपान नहीं करते लेकिन धूम्रपान करने वाले लोगों से प्रभावित होते हैं ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार साल 2000 की तुलना में 2018 में तंबाकू का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है और अब इसमें लगातार गिरावट देखने को मिल रही है ।

धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या में भी कमी देखने को मिल रही है । विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पुरुषों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है और महिलाओं की संख्या में कमी आ रही । साल 2020 तक करीब एक करोड़ की और कमी देखने को मिलेगी ।

तंबाकू का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सेवन करने से फेफड़ों का कैंसर संबंधी बीमारी सांस की बीमारी, मुह, गले और अन्य तरह के कैंसर होने की संभावना रहती है । साथ ही तंबाकू स्ट्रोक और दिल से संबंधी बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार माना जाता है । लोग तंबाकू का इस्तेमाल पाइप, वाटरपाइप, सिगार, सिगरेट और बीड़ी आदि के रम में करते हैं ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन में तंबाकू नियंत्रण इकाई के प्रमुख विनायक प्रसाद का कहना है कि लोगों द्वारा तंबाकू के सेवन में कमी वैश्विक रूप से  एक बड़ी उपलब्धि है । अभी हाल में ही कैल्फोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया था कि तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के बाद भी जो लोग ई सिगरेट का सेवन करते हैं उन लोगों में भी फेफड़ों के रोगों का खतरा करीब 3 गुना तक बढ़ जाता है ।

लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए तथा तंबाकू के सेवन को रोकने के लिए हर साल 31 मई को धूम्रपान तंबाकू  निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *