खुद से बात करना दिमाग के लिए होता है अच्छा
खुद से बात करना सुनने में थोड़ा अजीब लगता है । लेकिन बहुत सारे लोगों की आदत होती है खुद से बात करने की । हम सब अक्सर ही अपने आप से चुपचाप बातें करते रहते हैं और अगर हम तेज से बोल दे तो आसपास के लोग बहुत हैरानी से देखना शुरू कर देते हैं और हमारे लिए पागल जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हैं ।
लोग यहां तक भी कह देते हैं कि उसका मेंटल ठीक नहीं है । लेकिन खुद से बात करना मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद है । एक्सपर्ट का कहना है कि खुद से बात करने से याददाश्त बढ़ती है और किसी भी काम मे मन लगता है ।
अमेरिका के विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गैरी लूपिन का मानना है कि तेज आवाज में खुद से बात करना भले ही दूसरों को लगे की यह इंसान पागल है लेकिन यह आपके दिमाग के लिए काफी अच्छा होता है और यह आप आपको कामयाबी की तरफ ले जाता है ।
प्रोफ़ेसर गैरी लूपिन ने इस विषय मे बताया कि उन्होंने कुछ लोगों को कंप्यूटर के स्क्रीन पर कुछ चीजें देखने को कहा और कुछ लोगो को उसको तेज आवाज में उसका नाम बुलाने के लिए कहा । जिन लोगों ने तेज आवाज में उन चीजों का नाम लिया है ।
वे स्क्रीन पर उन चीजों को ज्यादा जल्दी पहचान पाए और जो लोग सिर्फ स्क्रीन देख रहे थे उन लोगों को वो चीजे पहचानने में ज्यादा समय लगा । इस तरह का प्रयोग उन्होंने किराना की दुकान पर भी किया किया और देखा कि जो लोग सब्जियों की तस्वीर देखकर उसका नाम तेज आवाज में बुलाते थे, स्टोर में वह सब्जी ढूंढने में आसानी होती थे ।
प्रोफ़ेसर गैरी का कहना है कि जब हम किसी भी चीज का नाम तेज आवाज में बुलाते हैं तो उसकी तस्वीर हमारे जेहन में बन जाती हैं और हमारा दिमाग खुद ब खुद ही जरूरत पड़ने पर उसे हमारे जेहन में ला देता है ।
वहीं ब्रिटिश मनोवैज्ञानिक और लेखिका एनी विल्सन का कहना है कि वो अपने सभी क्लीन्ट्स को खुद से बात करने के लिए कहती हैं । एनी विल्सन का कहना है कि जिन लोगों को ज्यादा गुस्सा आता है और अपने ऊपर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं उन लोगों को खुद से बात करनी चाहिए ।
ऐसा करने से उनका गुस्सा जल्दी कंट्रोल तो हो जाएगा और वे अपने आप को कंट्रोल करने में कामयाब रहेंगे । आखिरकार हर इंसान अपने आप को सबसे अच्छे से जानता है और जब वो खुद से ही बात करने लगता है तो बहुत हद तक उसे अपने अंदर ही एक अच्छा इंसान मिल जाता है ।
अक्सर जब हम खुद में ही एक दूसरी शख्सियत बनकर खुद से बात करते हैं तब हम अपने जज्बात पर जल्दी काबू पा लेते हैं । अक्सर देखा जाता है कि जिम करते समय या फिर डांस करते समय अक्सर लोग शीशे के सामने होकर इन एक्टिविटी को करते हैं क्योंकि इससे उनके अंदर शक्ति और बढ़ जाती है और साथ ही और अच्छे से करने के लिए प्रेरणा भी मिलती है ।