भारतीय मूल के सुंदर पिचाई गूगल के बाद अब बने अल्फाबेट के सीईओ

भारतीय मूल के सुंदर पिचाई दुनिया की दिग्गज कंपनी गूगल के सीईओ हैं । सुंदर पिचाई को गूगल की मूल कंपनी यानी कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट का भी सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नियुक्त कर दिया गया है ।

गूगल के संस्थापक लैरी पेज ने सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया है और एक अन्य सह संस्थापक सरगी ब्रिन ने कंपनी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है । इसलिए गूगल और अल्फाबेट दोनों ही कंपनी का मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई को नियुक्त कर दिया गया है । मालूम हो कि अल्फाबेट 893 अरब डालर की पूंजी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है पहले और दूसरे स्थान पर क्रमश: एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट हैं ।

भारतीय मूल के सुंदर पिचाई जिन्हें गूगल और अल्फाबेट की नियुक्त किया गया है उनका वास्तविक नाम सुंदरराजन है । इनका जन्म तमिलनाडु के मदुरै में 1972 में हुआ था और इनका पालन-पोषण चेन्नई में हुआ । सुंदर पिचाई की मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर थी और उनके पिता रघुनाथ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे ।

सुंदर पिचाई की शिक्षा भारत में हुई है और आगे की शिक्षा के लिए सुंदर पिचाई 1955 में अमेरिका चले गए और आर्थिक तंगी के कारण अपनी हर पुरानी चीज इस्तेमाल करके पैसे बचाए जिससे वह पीएचडी कर सकते हैं । लेकिन परिस्थितियां इस तरह बनी कि उन्हें नौकरी करनी पड़ी ।

सुंदर पिचाई की पहली नौकरी एक कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजर की पोस्ट और बाद मे दूसरी कंपनी में बतौर कंसल्टेंट सुंदर पिचाई ने काम किया था । सुंदर पिचाई भारत के आईआईटी खड़कपुर से बी.टेक 1993 में किया इसी दौरान सुंदर पिचाई को स्कॉलरशिप मिल गई और वहां आगे की पढ़ाई करने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी चले गए ।

जहां पर सुंदर पिचाई ने इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री ली और यूनिवर्सिटी आफ पेंसिलवेनिया के व्हैटर्न स्कूल से एमबीए किया । सुंदर पिचाई ने अप्रैल 2004 में गूगल को ज्वाइन किया जहां पर वह प्रोजेक्ट डायरेक्टर मैनेजमेंट और उसके बाद इन्नोवेशन शाखा में काम कर रहे थे ।

यहां पर सुंदर पिचाई को गूगल के सर्च टूल को और बेहतर बनाने और दूसरे ब्राउज़र के यूजर को गूगल पर सर्च करने का काम दिया गया था । इसी दौरान सुंदर पिचाई ने गूगल को यह सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउज़र लांच करना चाहिए ।

मालूम हो कि गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने और उसे 2008 में लांच करने में सुंदर पिचाई की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम क्रोम है और आज सबसे ज्यादा प्रयोग किये जाने वाले सर्च के इंजन के रूप में क्रोम का इस्तेमाल किया जाता है ।

इस तरह के अपने काम की वजह से सुंदर पिचाई गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजर में आए और इसके बाद उन्हें प्रमोशन मिलता रहा । सुंदर पिचाई ने गूगल में प्रोडक्ट डारेक्टर, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे प्रमुख पदों पर रहे और उसके बाद कंपनी ने सुंदर पिचाई को 2015 में गूगल का सीईओ बना दिया ।

पिछले एक दशक में तकनीकी में बहुत तेजी से बदला हो रहा है जिसमें गूगल अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है । मालूम हो कि इसी साल सितंबर में गूगल 21 साल का हो गया । वर्तमान में गूगल 100 भाषाओं में अपनी सेवाएं देता है और यहां अभी बता दें गूगल का सर्च इंजन अपने शुरुआत के 2 साल में ही फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, समेत कई भाषाओं में सर्च करने की सुविधा दी थी ।

मालूम हो कि गूगल का पहला नाम बैकरब था । गूगल की पैरेंट कंपनी यानी कि मूल कंपनी अल्फाबेट है । इस समय गूगल क्लाउड बिजनेस ग्रोथ देखने को मिल रहे हैं । मालूम हो कि अल्फाबेट अलग-अलग कई कंपनियों का एक ग्रुप है । अल्फाबेट गूगल को वायमो यानी की स्वचालित कार, वेरिली, कैलिको, साइडवॉक लैब और लून से अलग करती है ।

सुंदर पिचाई ने हाई स्कूल तक की पढ़ाई जवाहर विद्यालय से सीबीएससी बोर्ड से है और सुंदर पिचाई को सिल्वर मेडल मिला था । आईआईटी खड़गपुर से बी टेक करने के बाद इन्हें स्कॉलरशिप जिसकी सहायता सुंदर पिचाई अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैटेरियल साइंस में एमएस की डिग्री हासिल की ।

सुंदर पिचाई ने एक बार एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया था कि अमेरिका जाने से पहले उनके पास अपना कंप्यूटर नहीं था । यहां तक कि उनके परिवार को टेलीफोन कनेक्शन लेने के लिए 5 साल तक का इंतजार करना पड़ा था । एझ सब से उन्हें तकनीकी की अहमियत का एहसास हुआ । आज के समय में सुंदर पिचाई की कमाई करोड़ों रुपए में है । सुंदर पिचाई आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है ।

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