चीनी जो डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियो के लिए फायेदमंद है
वैज्ञानिकों ने कम कैलोरी वाली चीनी बैक्टीरिया की मदद से बनाई गई है । वैज्ञानिकों ने फलों और दुग्ध उत्पादों से एक ऐसी चीनी बनाई है जो सामान्य चीनी की तुलना में 38 फ़ीसदी कम कैलोरी वाली है । इस चीनी को वैज्ञानिकों ने टैगाटोज नाम दिया है । अमेरिका के टफ्ट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस शोध को किया है ।
शोधकर्ताओं ने कहा है कि इस चीनी से किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है और इस चिमनी को अमेरिका के खाद्य नियामक एसडीए से मंजूरी भी मिल गई है । यह चीनी कम कैलोरी होने के अलावा सामान्य चीनी यानी कि सुक्रोज की तुलना में टैगाटोज में और भी कई सारी विशेषताएं है ।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह चीनी डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी । इसके अलावा इस चीनी का इस्तेमाल करने से दांतों में कैविटी की आशंका भी नहीं रहेगी । मालूम हो कि आमतौर पर टैगाटोज बनाने की प्रक्रिया काफी मुश्किल भरी होती है ।
सामान्य चीनी की तुलना में इस चीनी का उत्पादन भी बमुश्किल 30 फीसदी ही रहता था । शोधकर्ताओं की टीम ने एक बैक्टिरिया की सहायता से इस चीनी को बनाने का नया तरीका खोजा है । शोधकर्ताओं ने बताया कि इस प्रक्रिया में बैक्टीरिया सूक्ष्म बायोरिएक्टर के जैसे काम करता है ।
शोधकर्ताओं ने इस संदर्भ में बताया कि यह प्रक्रिया अभी प्रयोगशाला तक ही सीमित है लेकिन आगे जब इसका प्रयोग व्यवसाय के रूप में होने लगेगा तो इसमें सफलता मिलेगी और इसके अन्य फायदे भी देखने को मिलेंगे ।
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि जिस बैक्टीरिया की सहायता से यह चीनी बनाई जाती है वह बहुत जल्दी विघटित हो जाता थी जिस वजह से इसका उत्पादन केवल 30 फ़ीसदी तक ही संभव हो पाता था क्योंकि पहले गैलेक्टोज से टैगाटोज बनाने के लिए जिस एंजाइम का प्रयोग होता था वह बहुत सक्रिय था ।
लेकिन अब शोधकर्ताओं ने जिसने बैक्टीरिया की सहायता से एंजाइम को विघटित किया है और चीनी बनाई है यह इसके विघटन को कम कर देगा जिससे ज्यादा मात्रा में इस तरह की चीनी का उत्पादन किया जा सकेगा ।