कैसे चक्रवाती तुफानो के नाम रखे जाते है ?
अभी हाल में ही मौसम विभाग द्वारा उड़ीसा में चक्रवर्ती तूफान आने की चेतावनी मिली थी । उड़ीसा को हर साल चक्रवाती तूफानों से झूझना पड़ता ह। यह तूफान दक्षिणी पूर्वी बंगाल की खाड़ी आसपास के इलाकों में 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर व उत्तर पश्चिमी इलाकों की तरफ बढ़ रहा है और जल्दी ही इसके गंभीर होने की संभावना जताई गई है ।
इसी के साथ ही भारत के मौसम विभाग द्वारा 169 चक्रवाती तुफानो के नाम की सूची भी जारी कर दी गई जो आने वाले समय में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आएंगे । मालूम हो कि दुनिया भर में जितने भी महासागर हैं और उसमें जो भी चक्रवात आते हैं उनके नाम क्षेत्रीय विशेष मौसम विभाग द्वारा और उष्णकटिबंधीय चक्रवात के चेतावनी केंद्र द्वारा ही उनके नाम जारी होते हैं ।
दुनिया भर में क्षेत्रीय विशेष मौसम विभाग 5 है और कुछ कटिबंध चक्रवात के लिए चेतावनी केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें से एक क्षेत्र विशेष मौसम विभाग भारत में स्थित है । क्षेत्र विशेष मौसम विभाग के द्वारा ही उत्तरी हिंद महासागर में आने वाले चक्रवात के अनुसार ही उनके नामों को रखा जाता है ।
सवाल उठता है कि चक्रवाती तुफानो के नाम कैसे रखे जाते हैं ? दरअसल साल 2000 में दुनिया के कुछ देशों ने मिलकर यूनाइटेड नेशन इकनोमिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया नाम का एक समूह बनाया । जिसमें साल 2018 में कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यमन और ईरान भी शामिल हो गए हैं ।
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इस तरह अब इस समूह में 13 देश शामिल है ये मिल कर चक्रवाती तुफानो का नाम रखते है । चक्रवातों का नाम ऐसा रखा जाता है जो नाम लोगों को आसानी से याद रहता हो, इसके अलावा वैज्ञानिक और आपदा प्रबंधन के संस्थानों को भी इन नामो से मदद मिलती है । इससे तूफानों की पहचान करना आसान होता है ।
हालांकि चक्रवाती तुफानो का नाम रखने के लिए कुछ गाइडलाइन बनाई गई है जैसे कि:
- नाम का उच्चारण आसान और छोटा हो और किसी भी व्यक्ति की मूल भावना को ठेस ना पहुंचाएं ।
- किसी भी तूफान के नाम के अधिकतम अक्षरों की सीमा 8 हो सकती है ।
- उत्तरी हिंद महासागर में रखे गए तूफान का नाम दोबारा नहीं जा सकता है ।
- इसे दुनिया के किसी भी समुदाय की भावना का या फिर राजनीतिक विचारधारा, धर्म, संस्कृति और लिंग के प्रति निष्पक्ष होना जरूरी होता है ।
- भारत की तरफ से भविष्य में आने वाले चक्रवातो के नाम के लिए 13 नाम प्रस्तावित किए गए हैं इसमें आम जनता की तरफ से भी कुछ सुझाव दिए गए हैं और मौसम विभाग की कमेटी की बैठक नामों की समीक्षा करके इन्हें आगे प्रस्तावित करती है ।
बंगाल की खाड़ी में अभी कल उठे तूफान अम्फान अपना खतरनाक दो धारण कर लिया है और इससे निपटने के लिए उड़ीसा और पश्चिम बंगाल पूरी तरीके से तैयार है । साथ ही इन दोनों राज्यों में तेज हवाओं के साथ बारिश की संभावना जताई गई है ।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले 4 दिन में बारिश हो सकती है और तूफान की वजह से मछुआरो को दक्षिणी खाड़ी में जाने से परहेज करने को कहा गया है ।