युगांडा का यह तानाशाह भारतीयों से करता था नफरत
भारत के लोग दुनिया के विभिन्न देशों में पाए जाते है । युगांडा भी एक ऐसा देश है जहां पर एक समय में लाखों भारतीय रहते थे लेकिन युगांडा में एक तानाशाह की वजह से भारतीय लोगों को युगांडा छोड़ना पड़ा क्योंकि उसने भारतीय लोगों को अपने देश से बाहर निकाल दिया । युगांडा के इस तानाशाह के बारे में कई सारी कहानियां कही जाती हैं जैसे कि यह तानाशाह इंसानों का खून पीता था या आदमखोर था । जी हां हम बात कर रहे हैं युगांडा के एक तानाशाह की जिसका नाम था ईदी अमीन ।
इस तानाशाह को इंसानियत का दुश्मन, राक्षस भी कहा जाता है । बताया जाता है कि इस तानाशाह ने युगांडा में करीब 8 साल तक शासन किया और इस दौरान उसने लाखों लोगों को मरवा दिया और भारतीय मूल के करीब 90 हजार लोगों को अपने देश से बाहर निकलवा दिया था । ऐसा भी कहा जाता है कि ईदी अमीन भारतीयों से नफरत करता था ।
बीबीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईदी अमीन की तानाशाही समाप्त होने के बाद युगांडा के कई जगहों पर सड़ती हुई लाशें मिली थी और तमाम सामूहिक कब्रों का भी पता लगा था । यह एक ऐसा राक्षसी तानाशाह था जिसने अपने ही देश के लाखों लोगों को मरवा दिया था । ऐसा बताया जाता है कि ईदी अमीन जब सत्ता में आने वाला था तो उससे पहले युगांडा में एशियाई मूल के लोग का ही दबदबा था जिसमें ज्यादातर लोग भारतीय थे ।
युगांडा के हर सिनेमाघर में हिंदी फिल्में लगी रहती थी । 70 के दशक में युगांडा की राजधानी में जितने व्यापारी काम करते थे उन व्यापारियों में सबसे ज्यादा संख्या एशियाई मूल के लोगों की थी । युगांडा की सड़कों के नाम में इन्हीं एशियाई मूल के लोगों के नाम पर रखे गए थे लेकिन जब 1971 में ईदी अमीन में सत्ता का तख्तापलट किया तो उसके बाद युगांडा की हालत में काफी बड़ा बदलाव आ गया ।
ईदी अमीन ने अपनी सेना के जरिए पूरे देश पर कब्जा जमा लिया । कुछ दिन तक तो सब कुछ सामान्य रहा लेकिन एक दिन अचानक इसने एशियाई मूल के लगभग सभी लोगों को युगांडा छोड़कर जाने के लिए आदेश जारी कर दिया ।
ईदी अमीन के समय स्वास्थ्य मंत्री रहे हेनरी केएनबा ने “ A state of blood : the inside story of Edi -Amin” नाम की अपनी किताब में ईदी अमीन से जुड़ी कई दास्तां को बयां किया है । इस किताब में बताया गया है कि ईदी अमीन एक बार एक अस्पताल के मुर्दाघर में गए थे जहां पर शव रखे हुए थे । इस तानाशाह ने उन लाशों के साथ क्या किया यह किसी ने नहीं देखा लेकिन युगांडा वासियों का मानना कहना है कि यह तानाशाह खून पीता था क्योंकि ककवा जनजाति में एक प्रथा है अमीन ककवा जनजाति से था ।
इस किताब में यह भी बताया गया है कि ईदी अमीन तानाशाह ने कई लोगों के सामने इस बात का जिक्र किया है कि उनसे इंसानों का गोश्त खाया है । इस किताब में यह भी बताया है कि 1975 में जब हुआ या अमीन कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपने जायर की यात्रा के बारे में विस्तार से बता रहा था तब उसने यह भी कहा कि उस दौरान वहां बंदर का गोश्त परोसा गया था जो कि इंसानों के गोश्त से अच्छा नहीं था ।

साथ ही इस किताब में लेखक ने यह भी बताया है कि इस तानाशाह का मानना था कि लड़ाई के दौरान जब साथी सैनिक घायल हो जाते हैं तो उनको मार कर खा लेने से भुखमरी से बचा जा सकता है । इस किताब में ईदी अमीन के वैवाहिक जीवन के बारे में भी बताया गया है । इस किताब में बताया गया है कि ईदी अमीन कम से कम 6 शादी की थी जिसमें उसने तीन महिलाओं को बाद में तलाक भी दे दिया ।
उसके कुल कितने बच्चे थे यह तो ठीक-ठीक जानकारी किसी को भी नहीं है लेकिन ज्यादातर युगांडा वासियों का मानना है कि उसके 30 से 45 बच्चे थे ।