शुगर और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से बचने के लिए अपने डाइट में शामिल करें मैग्निशियम युक्त फूड्स
आजकल लोगों में शुगर और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज की समस्या हो या फिर आर्थराइटिस की समस्या हो, इन बीमारियों से बचने के लिए अपने डाइट में मैग्नीशियम से भरपूर चीजों को शामिल करने से इन परेशानियों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है और इनके होने की संभावना को भी कम किया जा सकता है।
मालूम हो कि हमारे शरीर की संरचना के लिए एक महत्वपूर्ण तत्व होता है। यह हमारी स्मरण शक्ति को भी मजबूत बनाने का काम करता है।
मैग्नीशियम कैसे हैं फायदेमंद –
कैल्शियम और बोरियम की तरह ही मैग्नीशियम भी एक क्षारीय तत्व होता है। कई सारे शोध से यह साबित हो चुका है कि यह शरीर में मिलकर शरीर में मौजूद एंजाइम को ग्लूकोस में बदलने का काम करता है और इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
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हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो या फिर दिल से जुड़ी कोई बीमारी या तनाव, माइग्रेशन और अर्थराइटिस जैसी बीमारी इन सारी बीमारियों से यह बचाने में मददगार होता है।
यह कैल्शियम के साथ मिलकर हमारे शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाता है। गर्भावस्था में यह शिशु के विकास के लिए एक जरूरी तत्व माना जाता है।
मैग्नीशियम के प्रमुख स्त्रोत –
अपनी डाइट में मैग्नीशियम युक्त चीजों को शामिल करने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम की पूर्ति हो जाती है और किसी दूसरे सप्लीमेंट को लेने की आवश्यकता नही होती है।
आइए जानते हैं मैग्नीशियम युक्त खाध पदार्थों के बारे में –
दही –
दही को कैल्शियम और मैग्नीशियम का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। दही का सेवन करने से सेवन करने से और कैल्शियम दोनों की भरपाई हो जाती है।
केला –
केले में पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ भी याददाश्त को भी बेहतर करने में मदद करता है।
सीताफल के बीज –
सीताफल के बीच भी मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। इसके बीजों को धूप में सुखाकर हल्के तेल और नमक के साथ भूनकर स्नेक्स के रूप में सेवन किया जा सकता है। इससे शरीर में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम की आपूर्ति हो जाती है।
बादाम –
बादाम भी मैग्नीशियम का एक सबसे अच्छा स्त्रोत है। रोजाना 5 बादाम रात में पानी में भिगा दे और सुबह इन्हें खूब चबा चबा कर खाले। इससे याददाश्त बेहतर होती है और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों में भी बचा होता है साथ ही डायबिटीज और अर्थराइटिस में भी फायदा मिलता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां –
हरी पत्तेदार सब्जियों में भरपूर मात्रा में आयरन और मैग्नीशियम पाया जाता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बेहतर होता है और मांसपेशियां मजबूत बनती है।
स्प्राउट्स –
नाश्ते में साबुत मूंग और चने को अंकुरित करके स्प्राउट के रूप में खाया जा सकता है, इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर रहता है। यह भी मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत है।
मैग्नीशियम की अति ही है नुकसानदेय –
मैग्नीशियम हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक तत्व है। लेकिन अन्य दूसरे पोषक तत्वों की तरह ही यदि शरीर में मैग्नीशियम की अधिकता हो जाती है, तब यह हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नही होता है।
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शरीर में मैग्नीशियम की अधिकता हो जाने से लो ब्लड प्रेशर, नॉजिया और डायरिया जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। हालांकि प्राकृतिक रूप से चीजों में मिलने वाले मैग्नीशियम का सेवन करने से इस तरह की कोई समस्या नही होती है।
लेकिन अगर अपनी मर्जी से मैग्नीशियम का सप्लीमेंट लिया जाता है तब यह फायदा पहुंचाने की बजाय नुकसान पहुंचाने लगता है। इसलिए किसी भी तत्व का सप्लीमेंट अपनी मर्जी से नही लेना चाहिए बल्कि डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।