इन चीजों के सेवन से मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्या हो सकती है !
जंक फूड और पैकेट बंद भोजन की वजह से कई बार जाने अनजाने में हम कई सारी बीमारियों को दावत देते हैं । सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के एक शोध में बताया गया है कि जंक फूड में नमक, वसा, ट्रांस फैट काफी दयाद मात्रा में पाया जाता है जो की आगे चल कर मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियों की वजह बनता है । ज्यादातर पैकेट बैंड और जंक फूडबनाने वाली कंपनियां अपने ग्राहकों को भ्रमित करने वाली जानकारी देती हैं और निर्धारित मानक पर विशेष ध्यान भी नहीं देता ।
ऐसे में जब हम हल्दीराम के क्लासिकल नट क्रैकर्स या फिर डोमिनोस पिज़्ज़ा के नॉनवेज पिज्जा को खाते हैं तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि हमें आगे चल के बीमारियां हो सकती हैं क्योंकि इनमें रोजाना तय मानक से ज्यादा करीब 35 फीसदी नमक और 26 फीसदी फैट पाया जाता है ।
वहीं अगर चीज पिज्जा के चार टुकड़े खाते हैं तो यह एक दिन की 99.9 फ़ीसदी नमक और 72.8 फीसदी वसा के बराबर होता है । इन बंद पैकेट में वसा, ट्रांसफैट और कार्बोहाइड्रेट ज्यादा मात्रा में होते हैं । ये ग्राहकों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होते हैं । इनकी वजह से डॉक्टर का मानना है कि हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, कैंसर की बीमारियां हो सकती हैं ।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की 2016 की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नुकसानदेह आहार के सेवन के चलते 1990 से अब तक हाई ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी बीमारियों के मामले में 10 से 25 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है, ज्यादातर मामलों में इन बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को पूरी जानकारी ही नहीं होती है ।
आजकल की जीवनशैली में ज्यादातर पैरंट्स अपने बच्चों को पैकेट बंद फास्ट फूड देते हैं जिससे उनका बच्चा दिन भर खा कर अपना पेट भरा करता है क्योंकि ऐसा करने से ऐसे पेरेंट्स की चिंताएं भी दूर रहती हैं और उनका समय भी बचता है । लेकिन उनके बच्चों को जब सरदर्द और धुंधली नजर जैसी समस्या होती है तब वे उसे डॉक्टर के पास ले जाते हैं तो उन्हें बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बताते हैं तो वे हैरान हो जाते हैं ।
डॉक्टर ऐसे पैरंट्स को अपने बच्चों को वजन घटाने और कम नमक वाले भोजन करने की सलाह देते हैं । डॉक्टर्स का मानना है कि ऐसे बच्चों में हृदय रोग और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है । ज्यादातर खाद्य सामग्रियों के पैकेट पर जो मात्रा लिखी होती है वह बहुत सही नहीं होती है ।
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जुलाई से अक्टूबर 2019 के बीच सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट कि पर्यावरण निगरानी करने वाली प्रयोगशाला द्वारा भारत के 33 मशहूर और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पैकेट बंद फ़ूड की जांच की जिसकी रिपोर्ट चौंकाने वाली थी । जांच के दौरान चिप्स, नमकीन और तुरंत बनने वाले नूडल्स सूप में रिकमेंड डाइटरी एलाउंस के निर्धारित मानक से ज्यादा मात्रा में नमक पाया गया ।
मालूम हो कि रिकमेंड डाइटरी एलाउंस के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना 5 ग्राम नमक, 60 ग्राम वसा, 2.2 ग्राम ट्रांस फैट और 300 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की मात्रा निर्धारित की गई है । एक स्वस्थ व्यक्ति को 2000 कैलोरी की रोज़ाना आवश्यकता होती है उपरोक्त मानक इसी हिसाब से निर्धारित की गई है ।