ईरान ने अमेरिका से कासिम सुलेमानी के मौत का बदला लेने के लिए किया जवाबी हमला
अमेरिकन ने बगदाद में एयर स्ट्राइक करके ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी को मौत के घाट उतार दिया था । अमेरिका के इस हमले में सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए ईरान ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली शक्ति से पंगा ले लिया है । ईरान ने जवाबी कार्यवाही करते हुए इराक में अमेरिकी दूतावास को टारगेट करके दर्जनों मिसाइलें दागी है ।
ईरान की जवाबी कार्यवाही पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के पूर्व राजनयिक का कहना है कि इसकी पूरी संभावना थी, जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह कामिनी की आंखों के आंसू निकल आए थे और इस समय ईरान अमेरिका से बदला लेने के लिए आमदा है । सूत्रों से मिली जानकारी में कहा गया है कि दुनिया के देश अगर नहीं चेताते है तो आगे की स्थिति काफी गंभीर और चिंताजनक हो सकती है । ईरान इराक बन सकता है या फिर दुनिया एक बड़ा युद्ध खेल सकती है ।
इसमें यह भी कहा गया है कि अमेरिका और ईरान की बीच हुए युद्ध का असर सबसे ज्यादा भारत जैसे विकासशील देशों को पड़ेगा । ईरान की जवाबी प्रतिक्रिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधी प्रतिक्रिया दिया है । डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि “ऑल इज वेल” यानी कि अभी सब ठीक है और जल्दी बयान जारी करने के बात भी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की है ।
अब इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका ईरान की प्रतिक्रिया से हुए नुकसान का आकलन करने के बाद ही अपनी कोई प्रतिक्रिया देगा । अमेरिका में भारत के राजदूत रहे ललित मानसिंह का मानना है कि ईरान गुस्से में था क्योंकि ईरान का जनरल मारा गया था ।
इसलिए ईरान ने इराक एयरबेस पर मिसाइल दाग कर अपनी प्रतिक्रिया अमेरिका को दी है । ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ का कहना है कि ईरान ने यह कदम आत्मरक्षा में उठाया है, लेकिन अभी इंतजार कीजिए वैसे भी इतने भर से अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध नहीं होगा । लेकिन अमेरिका की प्रतिक्रिया आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी ।
कुछ घंटे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस विषय पर बयान जारी करेंगे । वही पूर्व राजदूत का यह भी कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति आएगी । क्योंकि अमेरिका में युद्ध की अनुमति वहां की सांसद कांग्रेस देती है । भारत के राजदूत ललित मानसिंह का यह भी मानना है कि यदि ईरान आगे और हमला करता है या फिर अमेरिकी नागरिकों और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाता है तब युद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं ।
वही उनका यह भी मानना है कि ईरान के इस मिसाइल हमले की बात दुनिया के सभी देश इसे गंभीरता से लेंगे और अमन-चैन का प्रयास तेज होगा । विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और ईरान के टकराव का असर ग्लोबल अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा इससे कच्चे निधन तेल की कीमतों में भारी उछाल आएगा और यह आर्थिक स्थिति को संकट में डालेगा ।
क्योंकि अंतरराष्ट्रीय तेल आपूर्ति काफी हद तक इससे बाधित हो जाएगी और कच्चे तेल के दामों में तेजी आ जाएगी । भारत जैसे देशों में इसका, उनकी अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ेगा । मालूम हो कि ईरान और उसके जैसे खड़ी देशो में भारत के 40 लाख से भी अधिक भारतीय लोग रहते है ।