अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस क्यो और कब से मनाया जाता है

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस क्यो और कब से मनाया जाता है

जैसा कि हम लोग जानते हैं कि विश्व भर में 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। मजदूर दिवस मजदूरों और कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। पहले के समय मे कारखानों और खेतों में काम करने वाले मजदूरों दयनीय स्थितिमें रहते थे। उनके मालिक उनसे 15-15घंटे तक काम क्वाट थे और मजदूरी बहुत कम देते थे।

बहुत बार मजदूरों को बेहद खराब कार्यस्थल में काम करने पड़ते थे जिसकी वजह से वो बीमार पड़ जाते और असमय मृत्यु तक हो जाती थी। कुछ लोगो ने मिल कर मजदूरी के लिए एक संघ बनाया और  उनकी समस्याओं को उठाने लगे, ये संगठन मजदूरों के हक में आवाज उठाई उठाने लगे।

मजदूर दिवस की शुरुआत

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1986 को तब हुई जब अमेरिका के मजदूर संघ ने मिलकर यह  निश्चय किया कि वो लोग एक निर्धारित समय तक ही काम करेंगे और उससे अधिक समय काम करने पर अतिरिक्त मेहनताना लेगे। मजदूर संघ ने काम करने के लिए औसत 8 घण्टे प्रतिदिन का निर्धारण किया था।

अपने मांगे मनवाने के लिए ये संगठित हो कर हड़ताल कर दिए थे। हड़ताल के समय शिकागो की हेमार्किट में बम ब्लास्ट करवा दिया गया था और मजदूरों की हड़ताल से निपटने के लिए पुलिस ने गोलियां भी चलाई थी जिसमे बहत से मजदूर मारे गए थे। । इसके बाद 1989 में अंतरराष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में सदस्यों ने एक प्रस्ताव ल कर मेरे गए मजदूरों की याद में 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने की बात कही गई । तब से यह 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस  के रूप में मनाया जाने लगा। इस दिन सभी श्रमिक मजदूरों का अवकाश रहता है।

आज ही के दिन दुनिया के मजदूरों के अनिश्चित काम के समय को 8 घंटे में तब्दील किया गया था।  तब से सरकारे मजदूरों के लिए काम करना शुरू कर दी। सरकार द्वारा मजदूर वर्गों को  विशेष सहायता और भेंट भी अर्पण की जाती है। मजदूरों की सहायता के लिए उन्हें सस्ते लोन, शिक्षा की व्यवस्था, कम दाम में अनाज,मकान का सस्ता लोन प्रदान करना जैसी सुविधाएं दी जाती है।

मजदूरों के कल्याण हेतु टीवी रेडियो आदि में विभिन्न  प्रोग्राम किए जाते हैं और घोषणाएं भी की जाती हैं। हिंदुस्तान के साथ दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी होती है। किसी भी देश की तरक्की में मजदूर वर्ग और कामगारों किसानों का एक महत्वपूर्ण योगदान होता है। आप यह भी कह सकते हैं कि बहुत हद तक बड़े उद्योग, कुटीर उद्योग, इन्हीं पर निर्भर करता है।

किसी संस्था या प्राइवेट संस्थान में काम करने वाले सभी लोग मजदूर वर्ग में ही आते हैं । भले ही मजदूरों और कामगारों के लिए समय समय पर घोषणाएं होती रहती हैं पर आज भी इनका जीवन समस्याओं से घिरा रहता है।

मजदूर दिवस उन श्रमिक लोगो को समर्पित है जो श्रमिक दिन रात मेहनत करके अपना खून पसीना बहा कर विश्व के विभिन्न हिस्सों में देर रात काम करते हैं और उस देश की प्रगति में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। मजदूर वर्ग किसी भी संस्थान यह समाज का महत्वपूर्ण और अभिन्न अंग होता है। उन्हें हमेशा सम्मान देना हमारा और पूरे समाज का कर्तव्य है।

किसी भी समाज में मजदूरों और कमजोर वर्ग के विरुद्ध अन्याय होता है तो हमें उस नीति के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए, यह प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। इन्हीं सब मजदूर श्रमिकों के सम्मान के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि श्रमिकों का हमेशा सम्मान करें। इनके अभाव में कोई भी समाज या देश कभी मजबूत नही ब सकता और न ही प्रगति कर सकता है।

 

 

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