क्या है एशिया में कोरोना वायरस के फैलने की बड़ी वजह
एशिया में कोरोना वायरस का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है । लाखो लोग एशिया में अब तक कोरोना वायरस की वजह से संक्रमित हो चुके हैं जिसमें लगभग 26000 लोगों के जान जा चुकी है । लगभग 35 हजार लोगों में अभी भी एक्टिव करोना वायरस के संक्रमण है जिसमे पांच हजार से ज्यादा लोग गंभीर अवस्था में है ।
अगर एशिया में टॉप टेन देश की बात करें तो सबसे ज्यादा कोरोना वायरस से प्रभावित देश तुर्की है, उसके बाद ईरान, भारत, चीन, सऊदी अरब, पाकिस्तान, कतर, सिंगापुर, यूएई और बांग्लादेश का नाम आता है । अगर बात पूरी दुनिया की करें तो कोरोना वायरस से संक्रमित सबसे ज्यादा लोगो मे एशिया के दो देश आते हैं इसमें भारत का नाम भी शामिल है ।
अगर जनसंख्या आधार पर इस बात की जांच की जाए कि कौन सा महाद्वीप कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा पीड़ित है तो इसमें पहले स्थान पर यूरोप का नाम आता है, उसके बाद उत्तरी अमेरिका और तीसरे स्थान पर एशिया है । लेकिन अब एशिया में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे है । कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या भले ही यूरोप और उत्तरी अमेरिका से कम है लेकिन एशिया में उसके मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं ।
यह भी पढ़ें : कोरोना वायरस एशिया और प्रशांत महासागर के लिए वरदान
एशिया में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले की कुछ वजह इस प्रकार से है : –
- एशिया महाद्वीप के ज्यादातर देश विकासशील देश है ।
- एशियाई देशों में अत्याधुनिक तकनीक और अन्य चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं है ।
- एशिया के कई देशों में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है ।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार एशिया में सबसे ज्यादा शरणार्थियों की संख्या है ।
- एशियाई देशों में बड़ी संख्या में स्लम एरिया में रहने वाले लोगों की जनसंख्या है जिनमें कोरोना वायरस का खतरा सबसे ज्यादा है । इसके अलावा यहां साफ-सफाई की भी व्यवस्था ठीक से नहीं है । ऐसे में इन जगहों पर कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप ज्यादा देखने को मिलेगा ।
- एशियाई लोगों में शिक्षा का स्तर भी कम है, जिसकी वजह से जानकारियों का प्रचार-प्रसार भी सही से नहीं हो पाता और लोगों को जानकारी के अभाव में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है ।
- एशियाई देशों के लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है । यहां तक कि सरकारें भी जरूरी मदों पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं करती है । आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन लोग सही ढंग से नहीं कर पाते और उनकी मजबूरी होती है बाहर निकलने की ।
- कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए जरूरी इक्विपमेंट एशियाई देशों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है ।
- पूरी दुनिया की आबादी का लगभग 60 फ़ीसदी जनसंख्या एशियाई देशों में रहती है । यहां सघन आबादी पाई जाती है इसलिए कोरोनावायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा नुकसान एशियाई देशों को ही होगा।
- भारत में भी जिन राज्यों में शिक्षा का स्तर उच्चतम है वहां कोरोना वायरस के मामले बेहद कम पाए गए हैं, वहीं जहां शिक्षा का स्तर कम है वहां कोरोना वायरस के मामले अधिक हैं । उदाहरण के लिए केरल, अन्य राज्यों की तुलना में केरल में कोरोना वायरस के मामले कम है ।