रिसर्च का दावा : सदी के अंत तक बढ़ेगी खाने की खपत, और बढ़ेगा गरीबों में कुपोषण
दुनिया भर में जनसंख्या में वृद्धि देखने को मिल रही है और सदी के अंत तक बढ़ती जनसंख्या के कारण खाने की खपत में वृद्धि देखने को मिलेगी । एक रिसर्च के अनुमान के अनुसार खाने की खपत में 80 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है । खाने की खपत में वृद्धि न सिर्फ बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण होगी बल्कि यह बढ़ती आबादी की बीएमआई की वजह से भी होगी । बीएमआई मतलब बॉडी मास इंडेक्स है । इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सदी के अंत तक जनसंख्या में लंबे लोगों और वजनी लोगों की संख्या में वृद्धि होगी ।
यह रिसर्च जर्मनी की गटिनगेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है । इस शोध के अनुसार बढ़ती आबादी में लंबे और वजनी लोगो की संख्या में वृध्दि देखने को मिलेगी । इन लोगो को वर्तमान के प्रति व्यक्ति औसत भोजन के तुलना में अतिरिक्त भोजन की आवश्यकता होगी ।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी भले ही ऐसा हो सकता है कि खाने की आपूर्ति उसकी मांग के अनुसार ना हो और आपूर्तिकर्ता खाने की इस बढ़ती खपत को पूरा न कर सके । लेकिन जनसंख्या में वृध्दि के गम्भीर परिणाम हो सकते है । इस शोध में बताया गया है कि मेक्सिको में 1980 तक सबसे ज्यादा कुपोषण की समस्या थी लेकिन अब मेक्सिको अमेरिका के बाद दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा बॉडी मास इंडेक्स वाला देश हो गया है ।
इस शोध में यह भी बताया गया है कि पिछली एक सदी में ब्रिटेन में महिला और पुरुषों की लंबाई में 11 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है । वर्तमान समय में पुरुषों की औसत लंबाई 178 सेंटीमीटर और महिलाओं की औसत लंबाई 161 सेंटीमीटर है ।
इस शोध के अनुसार साल 2010 से 2100 के बीच प्रतिव्यक्ति औसतन 253 कैलोरी की अतिरिक्त जरूरत लोगों को होगी । जिसकी वजह से दुनियाभर में खाद्य सामग्री की खपत करीब 80 फीसदी तक बढ़ जाने की संभावना है । इस शोध के अनुसार खाद्य पदार्थ में खप्तमे वृध्दि 60 फीसदी वृद्धि बढ़ती आबादी के कारण होगी जबकि 20 फीसदी खपत और वजनी लोगों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण होंगी ।
खाद्य पदार्थों में खपत में बढ़ोतरी की वजह से सबसे ज्यादा अफ्रीका के देश प्रभावित होंगे क्योंकि अफ्रीका के देशों में पहले से ही अधिक जनसंख्या की वजह से कैलोरी की आपूर्ति के लिए जूझ रहे हैं ।
शोध में शामिल प्रोफेसर स्टीफन क्लास के अनुसार शरीर कितना बड़ा होगा कैलोरी की जरूरत भी अधिक होगी और इसकी आपूर्ति खाने से ही संभव है । शोध में बताया गया है कि रोजाना औसतन 253 कैलोरी की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है । जिसके लिए डाइट में दो बड़े केले और कुछ फ्रेंच फ्राई का होना आवश्यक होगा ।
इस शोध में यह भी बताया गया है कि जब दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की कमी होगी तो आर्थिक और संसाधन संपन्न लोग अपनी जरूरत को पैसा होने की वजह से पूरा कर लेंगे लेकिन गरीब लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना होगा । गरीब लोग सस्ता खाना खा कर पेट भरेगे और उन्हें आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाएगा जिस वजह से गरीबों में कुपोषण वृद्धि देखने को मिल सकती है ।