ममता बनर्जी बनी लगातर तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री

ममता बनर्जी बनी लगातर तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, जानते हैं कुछ खास बातें

पश्चिम बंगाल के चुनाव का नतीजा आ गया है। भाजपा को करारी हार मिलने के साथ तृणमूल कांग्रेस ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी बंगाल की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।

ममता बनर्जी लगातार तीसरी बार बंगाल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाली है। ममता बनर्जी ने 20 मई 2011 को पहली बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उसके बाद 17 मई 2016 को दूसरी बार ममता बनर्जी में जीत हासिल की और मुख्यमंत्री बनी।

अब तीसरी बार 2 मई को आए नतीजे में तृणमूल कांग्रेस की जीत हुई है। ममता बनर्जी की TMS 216 सीटों से आगे चल रही है। बंपर जीत के साथ एक बार फिर से वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बन जाएंगी।

इस तरह से लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री रहने वाली है। ममता बनर्जी की अगर राजनीतिक सफर की बात करें तो उन्होंने अपना राजनीति सफर कांग्रेस के साथ शुरू किया था।

एक वक्त था जब ममता बनर्जी प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भरोसेमंद नेताओं में से एक हुआ करती थी। लेकिन धीरे-धीरे शीर्ष पार्टी के नेतृत्व में उनसे दूरियां बनाने शुरू की।

यह दूरियां इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उन्होंने अलग पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया और राजनीति में आने के 13 साल के अंदर उन्होंने एक नई पार्टी बनाने बता दी। वह एक ऐसा मुकाम हासिल कर ली जो हर किसी के बस की बात नहीं होती है। लोगों को सालों लग जाते हैं लेकिन उन्होंने बहुत ही जल्दी महज कुछ ही सालों में अपना एक अलग मुकाम बना लिया।

1970 के दशक में आई थी राजनीति में –

ममता बनर्जी कांग्रेस के स्टूडेंट इकाई के सदस्य रही हैं। 1970 के दशक से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और जल्द ही पार्टी की तेजतर्रार नेता में उनकी गिनती होने लगी।

1998 में उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन का एक बड़ा फैसला लिया। यह वक्त था जब उन्होंने खुद को कांग्रेस से अलग कर एक नई पार्टी की घोषणा की। उन्होंने अपने इस पार्टी का नाम तृणमूल कांग्रेस रखा।

इसके बाद पश्चिम बंगाल में वह वाम मोर्चे की लड़ाई लड़ने लगी। ममता बनर्जी ने कई जन आंदोलन किए। उनसे बंगाल की जनता ने खूब सराहा। नतीजा सामने है लगातार तीन बार पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।

रहन सहन –

ममता बनर्जी के रहन सहन की बात करें तो वह सियासत की सीढ़ी डर सीढ़ी सफलता प्राप्त की है। लेकिन वह हमेशा से बेहद सादा जीवन जीती रही है। चाहे वह सांसद रहे या फिर मुख्यमंत्री लेकिन उनके पहनावे और रहन-सहन में बदलाव नहीं आता है।

वह हमेशा सफेद साड़ी और हवाई चप्पल की पहनती है। हमेशा वह एक जमीन से जुड़े हुए नेता के तौर पर रहना पसंद करती है। ममता बनर्जी सिंगूर में किसानों के समर्थन में धरना दिया।

आमरण अनशन किया। यहां तक कि नंदीग्राम में पुलिस की गालियाँ खाई। लेकिन इसके बावजूद हमेशा जनता के मोर्चे पर सबसे आगे खडी रही है।

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