मेक्सिको के किसानों ने बांध पर कब्जा करके अमेरिका को पानी देने से किया इनकार
मेक्सिको और अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मेक्सिको में बोक्विला बान्ध है, जिसकी सुरक्षा के लिए मेक्सिको के सरकार ने सैनिकों की तैनाती कर रखी है।
लेकिन इसके बावजूद किसानों ने लाठी जैसे अपने देसी हथियारों के दम पर सीमा क्षेत्र में स्थित इस बांध पर कब्जा कर लिया है और अमेरिका को पानी देने से इनकार कर दिया है।
दरअसल मेक्सिको के किसानों का कहना है कि मैक्सिकन सरकार उनके हिस्से का पानी अमेरिका के टेक्सास भेज रही है और इस तरह से उनकी फसलों के लिए पानी नहीं बच रहा है और खेती के लिये पानी बांध से नहीं छोड़ा जा रहा है।
करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से किसानों ने इस बात पर कब्जा जमाया है। किसानों द्वारा उठाए गए इस कदम में उनकी मदद कर रहे हैं विक्टर वेलडरेन। उनका कहना था कि किसानों को अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी है। किसानों को जीवित रहने और अपनी फसल को तैयार करने के लिए यह कदम उठाना जरूरी था।
बता दें कि अमेरिका और मेक्सिको के बीच पानी को लेकर लंबे समय से तनाव है जो कि अब हिंसा का रूप ले लिया है।
यही वजह है कि मैक्सिकन किसान अपने राष्ट्रपति और अमेरिका के खिलाफ खड़े हो गए हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच पानी को लेकर काफी लंबे समय से बातचीत चल रही है।
लेकिन बढ़ते तापमान और सीमा पर साझा नदियों के सूखने की वजह से पानी काफी ज्यादा मूल्यवान हो गया है और अब किसानों ने बांध का अधिग्रहण कर लिया है जो इस बात को साबित करता है कि जलवायु परिवर्तन से अपनी आजीविका को सुरक्षित करने के लिए व्यक्ति कोई भी कदम उठा सकता है।
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बता दें कि अमेरिका और मेक्सिको के बीच पानी से जुड़ी एक संधि क्रोब् एक दशक पहले हुई थी जिसमें कोलोरोडो और रियो ग्रांडे नदी के बीच जल प्रवाह को साझा करने की बात पर समझौता हुआ था।
दोनों देश एक दूसरे को पानी भेजते आ रहे थे। लेकिन अब कुछ समय से मेक्सिको अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं कर पा रहा है।
बता दें कि मेक्सिको के चिहुआहुआ राज्य लगभग तीन दशक से सूखा झेल रहा है और 2020 का साल सबसे अधिक सूखे वर्षों में से एक है और इसी राज्य से सीमावर्ती क्षेत्र में पानी भेजा जाता है।
लेकिन सूखे की वजह से मेक्सिको पानी नहीं भेज पा रहा है और जब मेक्सिको की सरकार ने दबाव बनाया और किसानों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। किसानों को डर है कि यदि पानी नही रहेगा तब वह लोग खेती कैसे करेंगे।
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बता दें कि फरवरी 2020 में अमेरिका और मेक्सिको की सरकार ने इस बांध पर सैनिक तैनात कर दिए थे। मैक्सिकल सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के से किए वादों के अनुसार हर हाल में पानी भेजने के तैयार है। लेकिन चिहुआहुआ राज के लोग इसके बिलकुल खिलाफ है।
वही मेक्सिको की राज्य सरकार का कहना है कि प्रदर्शन करने वाला किसान मेक्सिको के दूसरे निवासियों को चोट पहुंचा रहे हैं।
टैक्सास का कहना है कि दोनों देशों के बीच 1944 में हुए हस्ताक्षर जिसमें जल समझौता हुआ था। लेकिन 1990 के दशक में उत्तरी अमेरिका मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद मेक्सिको के पानी की जरूरत लगातार बढ़ती गई है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मैक्सिकन सरकार अमेरिका को जल की आपूर्ति कितना कर पाती है और यह विवाद कब तक बना रहता है।