आइए जानते हैं मौसम विभाग के अनुसार क्यों पड़ेगी इस साल कड़ाके की ठंड
अगर मौसम विभाग की बात मानी जाए तो इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने वाली है। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया है कि इस साल ला नीना की स्थिति बन रही है जिसकी वजह से भारत भर में कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना अधिक है।
सबसे बड़ी वजह यह है कि इसकी वजह से शीतलहर की पूरी संभावना है। उन्होंने शीतलहर के संबंध में कहा है कि अल नीनो और ला नीना की वजह से शीतलहर पड़ेगी, जिसकी वजह से ठंड बढ़ सकती है। हालांकि अल नीनो की स्थिति कमजोर हो जाने की वजह से ठंड ज्यादा पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
मृत्युंजय महापात्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तरफ से “शीतलहर के खतरे में कमी” पर आयोजित एक वेबिनार के दौरान यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि हमें यह नहीं समझना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। दरअसल सच्चाई यह है कि तापमान में बढ़ोतरी की वजह से ही मौसम अनियमित होता जा रहा है।
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उन्होंने यह भी कहा यह शीट लहर की स्थिति उत्पन्न करने के लिए लाना काफी अनुकूल है। इन्ही सब कारणों की वजह से शीट लहरों की स्थिति इसमें सहायक बनती अब नजर आ रही है।
बता दे ला नीना प्रशांत महासागर के सतह के जल के ठंडा हो जाने की वजह से जुड़ा हुआ है। वही अल नीनो समुद्र के पानी की गर्मी से जुड़ा हुआ है। ऐसा समझा जाता है कि यह दोनों कारकों का असर भारत के मानसून पर सबसे ज्यादा देखने को मिलेगा।
मौसम विभाग के अनुसार हर साल नवंबर में शीतलहर के लिए पूर्वानुमान जारी कर दिया जाता है। जिसमें दिसंबर से फरवरी के दौरान शीतलहर की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की जाती है।
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पिछले साल सर्दी के मौसम के दौरान भी शीतलहर का समय काफी लंबा खींचा था और राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार जैसे राज्य में शीतलहर के कारण ठंड बढ़ गई थी और उसकी वजह से कई लोगों ने अपनी जान गवाई थी।
ला नीना और एल नीनो –
ला नीना और एल नीनो एक समुद्री प्रक्रिया का नाम है। ला नीना में समुद्र का पानी ठंडा हो जाता है और जैसा कि हम जानते हैं समुद्र का पानी पहले से ही ठंडा होता हैं लेकिन ठंड में इसकी ठंडा काफी बढ़ जाती है और इसका असर सीधे हवाओं पर पड़ता है। इसके विपरीत अल नीनो का विपरीत प्रभाव होता है यानी कि जब समुद्र का पानी गर्म होता है तब उसके प्रभाव की वजह से गर्म हवा चलती है और जिसकी वजह से गर्मी अधिक पड़ती है। इन दोनों क्रियाओं का सीधा असर भारत के मानसून पर पड़ता है।
कहा से लिये गए ये शब्द –
अल नीनो शब्द स्पेनिस भाषा का शब्द है जिसका अर्थ “ईशु शिशु होता है। वही ला नीना का अर्थ छोटी बच्ची होता है।
बता दें कि साल 2020 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है जिसके चलते इस बात की संभावना प्रबल बन गई है कि ठंड इस साल अधिक पड़ेगी। अगर आंकड़े के हिसाब से देखा जाए तो इस साल पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक बारिश हुई है।