20 लाख करोड़ के पैकेज के साथ पीएम मोदी की आत्मनिर्भरता की बात
कोरोना वायरस की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है । लोग बेरोजगार हो रहे हैं खास करके असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूर की रोजी रोटी पर बनाई है । देश की अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा के साथ आत्मनिर्भरता की बात की है ।
कोरोना वायरस महामारी का प्रसार जब से भारत में होना शुरू हुआ तब से अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को 12 मई को पांचवीं बार संबोधित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों को आत्मनिर्भर बनने के लिए कहा है और आत्मनिर्भर बनाने के लिए रास्ता दिखाने की भी बात कही है और कोरोना वायरस महामारी से कैसे निपटा जाए सारे विषयों पर भी चर्चा की ।
25 मार्च से ही भारत में लॉक डाउन कर दिया गया है। उनकी वजह से आम जनता और उद्योग जगत के भरोसे को फिर से मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री ने अपनी पूरी कोशिश की है और इस संकट से निकालने की कोशिशों की चर्चा की है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड रुपए की घोषणा को आने वाले समय में सरकार द्वारा उठाए जाने वाले आर्थिक सुधारो के बदलाव और कूटनीतिक असर के रूप में देखने को मिलेंगे।
प्रधानमंत्री ने अपनी संबोधन में कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से दुनियाभर में लगभग तीन लाख लोग अपनी जान गवा चुके हैं और अपने प्रियजनों को खोये हैं। भारत के लोगों ने भी करोना की वजह से अपनों को खोया है और उन सब के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी संवेदना व्यक्त की। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। दुनिया में करोड़ों जिंदगियों के सामने संकट आ खड़ा हुआ है और ऐसा संकट आज तक हमने न कभी देखा था और न ही सुना था।
लेकिन इसके बावजूद हमें न हारना है, न बिखरना है और न टूटना है । यह इंसान को मंजूर नहीं होता है। हमें बस सतर्क रहते हुए और सभी नियमों का सही ढंग से पालन करते हुए कोरोना वायरस से बचना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की रूपरेखा की बात की। मालूम हो कि भारत में 17 मई तक के लिए लॉक डाउन किया गया है लेकिन 18 मई से लॉक डाउन पूरी तरीके से खत्म नहीं किया जाएगा।
हालांकि इसमें कई सारे बदलाव के साथ लॉक डाउन 17 मई के बाद भी जारी रखा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से हमें वैश्विक व्यवस्था का विस्तार करने का और उसे सही ढंग से देखने और समझने का एक तरह से मौका मिला है और अपनी इसका रास्ता आत्मनिर्भर भारत ही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब भी भारत के सामने कोई आपदा आती है तब भारत उससे निपटने के लिए और मजबूती के साथ खड़ा होता है ।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोना वायरस को एक संदेश और संकेत के साथ ही, एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब कोरोना वायरस का संकट भारत में शुरू हुआ था तब भारत एक भी पीपीई किट का निर्माण नहीं करता था और भारत में एन95 मास्क बेहद कम मात्रा में बनाए जाते थे। लेकिन आज के समय में भारत में हर दिन दो लाख पीपीई किट बनाई जा रही है और हर दिन दो लाख n95 मस्क अभी बन रहा है। यह भारत के लिए एक मौका है कि वह आत्मनिर्भर बने और सहयोग के साथ आगे बढ़े।
ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकल स्तर पर विनिर्माण की बात इतनी जोरदार तरीके से किसी प्रधानमंत्री ने की है। कोरोना वायरस की वजह से पूरा वैश्विक समुदाय भारत को चीन के बाद एक निर्माण स्थल के विकल्प के तौर पर देख रहा है और भारत अपनी इस भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत अपने कार्यो और लक्ष्यों का सीधा प्रभाव विश्व कल्याण पर पड़ता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा दिया गया आर्थिक पैकेज श्रमिकों और किसानों के लिए है जो हर मौसम में देशवासियों के लिए हर वक्त काम कर रहे होते हैं। यह राहत पैकेज के उन मध्यमवर्ग के लिए है जो ईमानदारी से टैक्स देकर देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह राहत पैकेज देश के विकास यात्रा के लिए और भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान को गति देना है।