पाकिस्तान पर है 100 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज
पाकिस्तान पर 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा का कर्ज हो गया है । इमरान खान की सरकार ने नया पाकिस्तान 100 अरब डालर से ज्यादा के कर्ज में डूबा हुआ है । पाकिस्तान में कमर तोड़ महंगाई की वजह से लोगों की जान आफत में हो गई है । लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है और लगभग 15 फीसदी तक जा पहुंची है । लोगों की हर दिन मुश्किल बढ़ती जा रही है ।
अगर पिछले सिर्फ एक साल की बात करें तो पाकिस्तान में दूध, नान, रोटी, मक्खन, चिकन, मटन, फल, सब्जी के दामों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है । इमरान खान के प्रधानमंत्री के बाद बनने के बाद से यह महंगाई में बढ़ोतरी देखने को मिली है और हर रोज महंगाई एक नया रिकॉर्ड बनाती जा रही है और जनता महंगाई से मजबूर है ।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति की जानकारों की बात करें तो महंगाई दर आने वाले समय में 20 फीसदी का आंकड़ा छू सकती है । पाकिस्तान में ना सिर्फ दिन ब दिन महंगाई बढ़ रही है बल्कि पाकिस्तान पर कर्ज भी बढ़ता जा रहा है । महंगाई और कर्ज में डूबे पाकिस्तान का एक मजाकिया बयान भी इमरान खान सरकार ने किया था ।
जब से इमरान सरकार बनी है तब से वहां की जनता को नया पाकिस्तान बनाने का सुनहरा ख्वाब इमरान खान ने दिखाया था लेकिन इमरान खान की सरकार के 2 साल बाद देश की हकीकत यहां के लोगों के चेहरे पर देखी जा सकती है । पाकिस्तान में महंगाई की प्रमुख वजह दाल, चिकन, सब्जी की कीमतों में तेजी को माना गया था । महंगाई इतनी ज्यादा है कि लोगों की रसोई का बजट पूरी तरीके से बिगड़ गया है और रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है ।
मालूम हो कि इमरान खान ने 17 अगस्त 2018 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और तब से खाने पीने की चीजों में जबरदस्त इजाफा हुआ है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है ।
हालात यह है कि पाकिस्तान लगातार आर्थिक तौर पर दीवाला होने के कागार पर पहुंच गया । पाकिस्तान में खुद को आर्थिक दिवालिया होने से बचाने के लिए बीते दिनों आईएमएफ से 6 अरब डॉलर का कर्ज लिया था इसके अलावा सऊदी अरब और कतर से भी पाकिस्तान ने कर्ज लिया है । लेकिन इसके बावजूद दिन-ब-दिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बद से बदतर होती जा रही है ।
पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली की सबसे बड़ी वजह इमरान सरकार की नीतियां रही है । भारत में जहां एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 71 रुपये पर है वहीं पाकिस्तान का रुपया 154 रुपये से भी ऊपर जा पहुंचा है ।
पिछले महीने अमेरिकी राजनयिक एलिस में उसने कहा था कि पाकिस्तान चीन के सहयोग से बन रहे आर्थिक कॉरिडोर की वजह से कर्ज में इस कदर डूब जाएगा कि उससे पार पाना उसके लिए मुश्किल हो जाएगा । वहीं पाकिस्तान में भी आर्थिक और राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस कॉरिडोर की वजह से देश के लिए यह घाटे का सौदा है ।
वेल्स की माने तो आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण में चीन ने अपनी कंपनियों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़े ठेके उनकी झोली में डाले हैं और पाकिस्तान की हाथ में केवल सस्ती मजदूरी ही लगी है । पाकिस्तान की बदहाली का दूसरा कारण यह भी है कि पाकिस्तान को अमेरिका से कोई भी आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है क्योंकि इस मदद को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में रोक दिया था ।
बता दें कि 26/11 के बाद अमेरिका ने आतंकवाद को कुचलने के लिए पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने की शुरुआत की थी जो धीरे धीरे कटौती कर के अब पूरी तरीके से रोक दिया गया है क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने को लेकर दी जाने वाली मदद कर सही से इस्तेमाल नहीं कर रहा था ।