रघुराम राजन को आईएमएफ ने बाह्य सलाहकार समूह के लिए नॉमिनेट किया
कोरोना वायरस काफी तेजी से पूरी दुनिया में पैर पसार लिया है । जिसके कारन दुनिया भर में आर्थिक मंदी उत्पन हो गई है । इस चुनैती से निपटने के लिए आईएमएफ ने रघुराम राजन को आईएमएफ ने बाह्य सलाहकार समूह के लिए नॉमिनेट किया है। वैश्विक स्तर पर अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 17 लाख के करीब पहुंच चुकी है जिसमें से 102734 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें रिकॉर्ड दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत अमेरिका में एक ही दिन में हुई है ।
इस तरह एक दिन में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या के मामले में अमेरिका अब पहले स्थान पर आ गया पहले इटली में एक दिन में सबसे ज्यादा मौते हुई थी । इस वायरस के चलते दुनिया भर की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है और संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार आर्थिक पतन के कगार पर बैठे देश के लोगों को इस संकट से उबारने के लिए सहायता की आवश्यकता है ।
संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली एक अंतर एजेंसी टास्क फोर्स वित्त पोषण के लिए अपनी रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिया है जिसमें कहा गया है कि सरकारों को अधिभार को रोकने के लिए तथा कोरोना वायरस महामारी की वजह से होने वाले आर्थिक और वित्तीय नुकसान को की भरपाई के लिए तैयार रहना होगा । कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक शेयर बाजार को काफी नुकसान हुआ है और निवेशक अपने निवेश को हस्तांतरित कर रहे हैं ।
ऐसे में इसको कम करना जरूरी है जिससे साल 2020 में सतत विकास लक्ष्य को वित्त पोषित किया जा सके और कम आय वाले विकसित देशों और अन्य देशों को ऋण भुगतान के लिए निलंबित किया जाए तथा वैश्विक सुरक्षा के जाल को और ज्यादा मजबूत करने के साथ ही और ज्यादा विकास सहायता राशि में गिरावट हो सकती हैं ।
हाल में ही संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने हाल में ही अपनी एक रिपोर्ट लांच की है जिसमें उन्होंने कहा है कि विकासशील देशों को इस महामारी को दबाने के लिए और उनकी मदद के लिए वैश्विक पैकेज से हम दूर है ।
ऐसे में इन चुनौतियों का सामना करने के लिए आईएमएफ ने 12 लोगों का एक बाहरी सलाहकार समूह गठित किया है, जो कि प्रमुख घटनाक्रम और नीतिगत मुद्दों पर दुनिया भर से अपने सुझाव को बताएंगे जिसमें दुनिया के सामने आई उन चुनौतियों को भी शामिल किया गया है जो कोरोना वायरस की वजह से दुनिया के सामने हैं ।
इन 12 सदस्यों के बाहरी सलाहकार समूह में भारत के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को भी शामिल किया गया है । मालूम हो कि रघुराम राजन सितंबर 2016 तक 3 साल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर थे और अब इस समय शिकागो के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में नियुक्त हैं और समय-समय पर भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में अपने विचार रखते रहते हैं ।
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मालूम हो कि कोरोना वायरस के चलते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष नीतिगत मुद्दों का सामना कर रहा है।अपने सदस्य देशों की सहायता के लिए उसे और ज्यादा फंड के स्रोतों और विशेषज्ञों की जरूरत है जिसके लिए उच्च स्तरीय बाजार और क्षेत्र के अनुभव वाले असाधारण और विविध समूह के लोगों को सलाहकार समूह में शामिल किये जाने के लिए सहमत जताई गई है ।
इसके लिए इसमें भारत के रघुराम राजन के अलावा अन्य सदस्य थरमन शनमुगरत्नम जो भी शामिल किया गया है जो कि सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्री एवम मौद्रिक प्राधिकरण के अध्यक्ष है, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व उपाध्यक लार्ड मार्क मैलोच ब्राउन, आस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री केविड रुड, का नाम भी शामिल है ।