टाटा समूह के असली रत्न रतन टाटा का सफरनामा
रतन नवल टाटा का आज 28 दिसंबर को जन्मदिन है । रतन टाटा आज 82 वर्ष के हो गए । रतन टाटा वास्तव में टाटा समूह के लिए रत्न है । रतन टाटा ने अपनी अगवाई में टाटा समूह को बुलंदियों पर पहुंचाया और आज भी वह मार्गदर्शक टाटा समूह को मजबूती देने में सक्रिय हैं । रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को गुजरात के सूरत में एक पारसी परिवार में हुआ था ।
इनके पिता का नाम नवल टाटा और माता का नाम सोनू टाटा था । रतन टाटा के पिताजी ने दो शादी की थी और नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं । हावर्ड विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद टाटा समूह में काम करना प्रारंभ किया और वक्त के साथ टाटा समूह को बुलंदियों पर पहुंचाया । रतन टाटा इस समय टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा केमिकल की मानद चेयरमैन है ।
इसके साथ रतन टाटा टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसलटेंसी सर्विस, टाटा पावर, टाटा ग्लोबल विवरेज, टाटा केमिकल, टाटा स्टील और टाटा टेलीसर्विस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं । रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान ही साल 2011-12 में टाटा समूह के राजस्व में कई गुना वृद्धि देखने को मिली थी । टाटा समूह में रतन टाटा 1962 में शामिल हुए थे और विभिन्न कंपनियों में सेवा देने के बाद 1971 में राष्ट्रीय रेडियोइलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड का प्रभारी भी नियुक्त किए गए थे ।
1981 में रतन टाटा ने टाटा इंडस्ट्री का अध्यक्ष पद और इसे बदलने की जिम्मेदारी मिली । वर्तमान समय में रतन टाटा एल्को के निदेशक मंडल के साथ मित्सुबिशी कॉर्पोरेशन, जेपी मॉर्गन चेज रोल्स रॉयस और सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार के रुओ में भी शामिल हैं ।
रतन टाटा नवल रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं जो भारत के निजी क्षेत्र का सबसे बडा परोपकारी ट्रस्ट है । इसके अलावा रतन टाटा टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रबंधन परिषद के अध्यक्ष हैं । कार्नेल विश्वविद्यालय और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में न्यासी बोर्ड में भी रतन टाटा कार्यरत है । रतन टाटा को 1991 में टाटा समूह के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी मिली थी और अपनी दूरदर्शिता के बदौलत टाटा समूह की सूरत को बदलकर रतन टाटा ने टाटा समूह को बुलंदियों पर पहुंचा दिया ।
रतन टाटा के कार्यकाल के समय ही टाटा कंसलटेंसी सर्विस सार्वजनिक निगम के रूप में रूपांतरित हुई और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में रतन टाटा के कार्यकाल के दौरान ही सूचीबद्ध हुआ था । 1998 में टाटा मोटर्स ने टाटा इंडिका बाजार में उतारे थी ।
रतन टाटा की अगुवाई में 2007 में टाटा संस ने जापान के कोरस समूह का अधिग्रहण किया और फोर्ड मोटर कंपनी से जगुआर और लैंड रोवर को टाटा मोटर्स ने खरीदा था । रतन टाटा का सपना था कि वे लोगों के लिए कार उपलब्ध करा सकें । ये कार वो उन लोगों के लिए उपलब्ध करवाना चाहते थे जो कार के बारे में सोचते हैं और पर उनकी आर्थिक हालात कर खरीदने की इजाजत नहीं देती है ।
इसी विचार के फल स्वरुप रतन टाटा ने बाजार में लखटकिया ड्रीम कार नैनो को बाजार में उतारा और 2008 में नैनो कार बाजार में आ गई । हालांकि यह बहुत ज्यादा सक्सेस नहीं हो सकी । रतन टाटा को देश और विदेश के विश्वविद्यालयों से मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त हुई है और 2008 में भारत सरकार ने में भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया था ।