भारतवंशी ऋषि सुनाक , बन गए है ब्रिटेन के फाइनेंस मिनिस्टर
ब्रिटेन के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है जब किसी भारतवंशी ऋषि सुनाक को वहां के सांसद ने फाइनेंस मिनिस्टर बनाया है । ब्रिटेन के फाइनेंस मिनिस्टर बन्ने वाले इस भारतवंशी व्यक्ति का नाम है ऋषि सुनाक । जो भारतीय मूल से हैं और 2 दिन पहले ब्रिटेन के वित्त मंत्री साजिद जावेद के इस्तीफा देने के बाद ही उन्हें अगला वित्त मंत्री बनाया गया है ।
अगले माह ब्रिटेन में आम बजट पेश होने वाला है । बीबीसी और अन्य मीडिया रिपोर्टों की माने तो ऋषि सुनाक भारतीय मूल के हैं और उनके परिजन वहां पर जाकर बस गए थे । इनका जन्म ब्रिटेन के हैंपशर के साउथैंपटन में हुआ और पढ़ाई लिखाई भी वही हुई है ।ऋषि फिलहाल ब्रिटेन के रिचमंड से कंजरवेटिव पार्टी से सांसद हैं । उनके पिता एक डॉक्टर थे और मैं एक फार्मासिस्ट थी ।
भारतीय मूल के उनके परिजन पूर्वी अफ़्रीका से ब्रिटेन में जाकर बस गए थे । ऋषि का जन्म 1980 में ब्रिटेन में हुआ और उनकी पढ़ाई प्राइवेट स्कूल विंचेस्टर कॉलेज में हुई । इसके बाद वह आगे की पढ़ाई करने के लिए ऑक्सफोर्ड चले गए, जहां उन्होंने दर्शनशास्त्र राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की ।
ब्रिटेन के राजनीतिक नेताओं के लिए यह सब से आजमाया हुआ और विश्वासनीय रास्ता है । उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई की है । राजनीति में कदम रखने से पहले ऋषि इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स में काम किया करते थे और निवेश होम की भी उन्होंने स्थापित किया था । बता दें कि इनकी पत्नी भारत के सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के को फाउंडर नारायणमूर्ति की बेटी हैं । उनकी दो बेटियां भी हैं ।
इन्होंने यूरोपीय यूनियन को लेकर हुए जनमत संग्रह में इसे छोड़ने के पक्ष में प्रचार प्रसार किया था और इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी । ऋषि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के शुरुआती समर्थकों में शामिल है । जुलाई 2019 में बोरिस जानसन ने उन्हें वित्त मंत्रालय के मुख्य सचिव के रूप में चुना था ।
ऋषि कई बार कह चुके हैं कि उनके लिए एशियाई पहचान काफी मायने रखती है । उन्होंने कहा था कि “मैं पहली पीढ़ी का अप्रवासी हूं । मेरे परिजन आजीविका के लिए यहां आए थे तो उनको उस पीढ़ी के लोग मिले जो यहां पैदा हुए । उनके परिजन यहां पैदा नहीं हुए थे और वे इस देश में अपनी जिंदगी बनाने आए थे । सांस्कृतिक परिवेश के मामले की बात करें तो मैं वीकेंड में मंदिर में होता हूं ।
ऋषि खुद को बहुत भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें बहुत अधिक नस्लभेद का सामना नहीं करना पड़ा । क्योंकि उन्होंने कहा था कि एक घटना उनके दिमाग में बैठ गई हैं । एक बार एक घटना को याद करते हुए वह बताते हैं कि “एक बार मैं अपने छोटे भाई और छोटी बहन के साथ बाहर गया था ।
मैं शायद बहुत ज्यादा छोटा था । उस समय 15-16 साल की उम्र आ रही होगी । हम एक फास्ट फूड रेस्टोरेंट गए और मैं उनकी देखभाल कर रहा था । वहीं कुछ लोग बैठे थे । ऐसा पहली बार हुआ था जब मैंने कुछ बुरी चीजों को सुना था । लेकिन इसके अलावा और कोई भी घटना उनके साथ नहीं हुई ।यह भारत के लिए थोड़ा गौरव की बात हो सकती है कि भारतीय मूल का कोई नागरिक ब्रिटेन का फाइनेंस मिनिस्टर बनाया गया है जिसके पूर्वज बहोत साल पहले भारत से संबंध रखते थे ।