Sania Mirza के अनुसार अपने हक और सम्मान के लिए हर किसी को बोलना होगा
भारतीय टेनिस स्टार खिलाड़ी Sania Mirza अपने मन के बात रखने के लिए जानी जाती हैं। लैंगिक समानता उनमें से एक एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
बात चाहे गलफहमी की हो या फिर पितृसत्तात्मक सवालों के खिलाफ बोलना रहा हो वह अपने हक के लिए बोलना हो, इन मामलों में दुनिया भर में महिलाओं के साथ एक ही जैसी स्थिति रही है।
एक महिला टेनिस खिलाड़ी और एक मां के रूप में Sania Mirza ने अपने जीवन में कई बातों को सीखा है और अपने जीवन का नेतृत्व किया है।
Sania Mirza ने अभी हाल में ही रोल ऑफ पॉप कल्चर इन शेपिंग जेंडर इनिक्वालिटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया था। सानिया मिर्जा ने विज्ञापन और सोशल मीडिया में महिलाओं द्वारा रूढ़वादियों को चुप कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं।
युवाओं को प्रभावित करना :-
Sania Mirza अपने टेनिस करियर में 6 ग्रैंड स्लैम चैंपियन और टेनिस डबल में विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी रह चुकी हैं। वह पॉप संस्कृत की बदलती मानसिकता खासकर युवा पीढ़ी के बीच एक प्रभाव डालने में कामयाब रही हैं।
सानिया कहती हैं जो लोग सोचते हैं कि यह समय की बर्बादी नहीं है क्योंकि आप इसे पसंद करते हैं। यह नहीं करते तो इससे बच नही सकती हैं।
विज्ञापन और वर्चुअल मीडिया पर क्या चित्रित किया जा रहा है इसका समाज और युवा पीढ़ी पर प्रभाव पड़ता है – उदाहरण के लिए यदि कपड़े धोना केवल महिलाओं का काम दिखाया जाता है।
लेकिन आज की युवा पीढ़ी लैंगिक समानता के बारे में बात कर रही है और युवा पीढ़ी इससे प्रभावित भी हो रही है। ऐसे में कपड़े धोना सिर्फ महिलाओं का काम नहीं हो सकता।
एक लोकप्रिय Tennis Player के रूप में सानिया मिर्जा सोशल मीडिया साइट पर भी एक्टिव रहती हैं। वह इसका उपयोग अपने प्रशंसकों तक पहुंचने के लिए करती हैं। हालांकि वह कहती हैं कि वह इसे चुटकी भर नमक की तरह लेती हैं।
सोशल मीडिया चुटकी भर नमक जैसे है :-
Sania Mirza कहती है कि मैं सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हूं, क्योंकि यह उनके काम का एक हिस्सा है। प्रशंसकों और शुभचिंतकों के साथ जोड़ने का एक निजी तरीका है।
लेकिन यह भी समझना जरूरी है कि यह वास्तविक दुनिया नही है। खास करके तब जब लोग आपकी आलोचना कर रहे हो, जब लोग आप को गाली दे रहे हो।
ऐसे लोग वास्तव में सामान्य नहीं होते हैं बल्कि दुखी जीवन का नेतृत्व कर रहे होते हैं। ऐसे में वह एक ऐसे व्यक्ति से नफरत करने लगते हैं जैसे भी कभी मिले ही नही होते।
Sania Mirza का कहना है कि वह अपना ज्यादातर समय इसे हंसी खुशी में लेती है और कमेंट के जवाब बहुत कम देती हैं। दूसरी तरफ वह यह भी मानते हैं कि सोशल मीडिया का अधिक से अधिक उपयोग सामाजिक अच्छाई के लिए किया जाना चाहिए न कि समाज में बुराई से लाने के लिए करना चाहिए।
सानिया के सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। ऐसे में सोशल मीडिया उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वह कहती हैं यदि यदि आप एक व्यक्ति को प्रभावित करने में सक्षम है तो यह बेहद महत्वपूर्ण है।
उदाहरण के लिए मैंने अपने बेटे के जन्म के बाद अपने वजन को काफी कम किया इसके लिए उन्होंने सोशल मीडिया का लोगो को प्रेरित करने के लिए इस्तेमाल किया।
वह बताती हैं कि महिलाओं ने बहुत सारे सवाल किए थे जिनका मानना है कि मां बनने के बाद वह टेनिस नहीं खेल सकती क्योंकि अब एक एक बच्चा है।
उनका वजन बढ़ गया है। वह कहती हैं कि दुनिया को दिखाने का यह मेरा तरीका था कि आप एक बच्चा पैदा करके भी अपने सपने को मार नहीं सकते हैं।
जिम्मेदारी बढ़ गई है :-
Sania Mirza कहती हैं कि वह एक सार्वजनिक सामाजिक शख्सियत होने के साथ-साथ और अतिरिक्त जिम्मेदार हो गई है। वह कहती हैं जब आप पब्लिक फिगर बन जाते हैं तो आप पर नजर रखी जाने लगती है।
आपके द्वारा किए जाने वाले हर छोटे बड़े काम की जांच की जाती है। आपको जिम्मेदारियों का अहसास दिलाया जाता है क्योंकि आपको युवा लोग देख रहे हैं। इसलिए आपको लोगों के सामने सबसे अच्छा उदाहरण स्थापित करना होता है।
रूढ़िवादी विचार के खिलाफ लड़ाई जारी है :-
अपने 18 वर्ष के सर्किट पर एक टेनिस खिलाड़ी के रूप में वह महिलाओं के खेल में पक्षपात और रूढ़िवाद के खिलाफ लंबी लड़ाई आज भी जारी रखी हैं। वह बताती हैं कि अब चीजें बेहतर हो रही हैं।
हमें चीजे पता होनी चाहिए और यह देखना चाहिए कि हम एक समान दुनिया की तुलना में एक आदमी की दुनिया में रह रहे हैं। रूढ़वादी विचार हर जगह मौजूद है।
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लेकिन खुद के लिए बोलने और सम्मान के लिए लड़ने की आवश्यकता है क्योंकि आप इसके हकदार हैं। वह कहती है मुझे सिखाया गया है कि मैं सही ढंग से काम कर रही हूं और मुझे बोलने की जरूरत है।
कोरोना वायरस वायरस की सीख :-
कोरोनावायरस महामारी Sania Mirza पर काफी असर डाली। वह नवंबर में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई थी और 6 महीने तक उन्हें अपने पति से अलग रहना पड़ा था।
वह कहती हैं कि यह दौर मानसिक और भावनात्मक रूप से कठिन था। लेकिन उन्हें यह सोचकर बाहर आने के लिए खुद को प्रेरित किया कि लोग मुझसे भी बदतर स्थिति में है और मैने खुद को यह एहसास दिलाया कि मै उसे बेहतर स्थिति में हूँ।
इस तरह से मुझे एक बेहतर इंसान बनाने में मदद मिली। नवंबर 2019 में Sania Mirza ने एक खुला पत्र लिखकर कहा था कि गर्भावस्था और एक बच्चे का होना उन्हें एक बेहतर इंसान बनाता है।
वह कहती हैं कि यह वक्त बेहद अच्छा और खास अनुभव था। वह अपने बच्चे को 2 साल की उम्र तक बड़े होते देखती और हर दिन नई चीजें सिखाने में उन्हें काफी मजा आया। धीरे-धीरे वह सामान्य दुनिया में वापस आ गई। अब वह अभ्यास करने लगी हैं।
अगले महीने दोहा और दुबई में होने वाले टूर्नामेंट में वह भाग लेंगी। वह कहती हैं जल्दी वह बिना मास्क की दुनिया और पहले की तरह खेल का आनंद ले रहे लोगों के लिए उम्मीद करती हैं। सानिया मिर्जा युवा लड़कियों को एक संदेश देती है कि आप अपने आप पर यकीन रखो।
युवा महिलाएं अपने रास्ते में विश्वास करे और खुद पर भरोसा करे। वह कहती है सबसे पहले अपना दिमाग लगाओ। जब तक आप अपना दिमाग लगाते हैं तब तक आपको कोई परेशान नहीं कर सकता।