जानिए सऊदी अरब में शाही परिवार के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी की असल वजह
अभी हाल में ही सऊदी अरब में शाही परिवार के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी इस संदर्भ में हुई है कि वे लोग तख्तापलट की साजिश रच रहे थे । जिसमें सऊदी अरब के शाही परिवार से दो वरिष्ठ प्रिंस और एक अन्य सदस्य को गिरफ्तार किया गया है और इन पर देशद्रोह तथा तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप बताया गया है ।
वहीं दूसरी तरफ इन 3 शाही परिवार के सदस्यों के गिरफ्तारी पर क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सत्ता पर बढ़ती पकड़ के रूप में भी लोग देख रहे हैं । इसे कुछ लोग भविष्य में शाही परिवार के अन्य सदस्यों के लिए एक चेतावनी के रूप में भी बता रहे हैं । कहा जा रहा है कि इन तीनो शाही सदस्यों की गिरफ्तारी इस वजह से हुई क्योंकि यह क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का समर्थन नहीं करते थे ।
इसलिए इस गिरफ्तारी को सऊदी अरब के शाही परिवार में सत्ता के संघर्ष के तौर पर भी लोग देख रहे हैं । क्रॉउन प्रिंस किंग सलमान के बेटे हैं और इस वजह से यह माना जा रहा है कि किंग सलमान के समर्थन की वजह से वह सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत कर पा रहे हैं । अमेरिका के स्ट्रीट जनरल अखबार में सबसे पहले सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी की खबर प्रकाशित हुई थी ।
अमेरिका के अखबार को शाही परिवार के एक करीबी सदस्य के द्वारा बताया गया कि किंग सलमान के छोटे भाई प्रिंस अहमद बिन अब्दुल अजीज अल सऊद और उनके भतीजे प्रिंस मोहम्मद बिन नायफ़ और उनके छोटे भाई को गिरफ्तार किया गया है ।
बता दें दोनों प्रिंस पहले गृह मंत्री और सुरक्षा जैसे पदों पर रह चुके हैं । शाही कोर्ट से जुड़े एक अन्य व्यक्ति से जानकारी मिली है कि किंग के बेटे ने 2017 में 60 वर्षीय प्रिंस मोहम्मद बिन नायफ़ को उनके पद से बर्खास्त करवा दिया था जिसकी वजह से यह नाराजगी चल रही थी ।
वही प्रिंस अहमद की गिरफ्तारी को लोग अप्रत्याशित मान रहे हैं क्योंकि वह किंग सलमान के छोटे भाई होने के साथ ही सऊदी परिवार के वरिष्ठ सदस्य भी हैं । लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि ये लोग 34 वर्षीय क्रॉउन प्रिंस के विरोध में थे । वहीं इस गिरफ्तारी के संदर्भ में सऊदी अधिकारियों की तरफ से कोई भी बयान नहीं आया है ।
बता दें कि जब से क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के हाथ में सत्ता आई है तब से सऊदी अरब में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई है जिसमें मानवाधिकार कार्यकर्ता, कारोबारी और आलोचक भी शामिल है । शाही परिवार के तीन सदस्यों की गिरफ्तारी को भी इसका हिस्सा बताया जा रहा है ।
कुछ समय पहले क्रॉउन प्रिंस के सबसे बड़े विरोधी पत्रकार खगोशी की हत्या पर सऊदी अरब की वैश्विक स्तर पर आलोचना की गई थी । बता दें कि खामोशी को सऊदी अरब के दूतावास इस्तांबुल में साल 2018 में हत्या कर फेक दिया गया था ।