चीन को घेरने के लिए भारत समेत सात बड़े देश साथ आये
चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस के प्रसार की वजह से मात्र तीन चार महीने के अंदर ही दुनिया भर की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। लेकिन इस दौरान विभिन्न देशों के नेताओं द्वारा कूटनीतिक माहौल काफी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाला कहा जा सकता है।
वैश्विक महामारी से त्रस्त कुछ बड़े देशों के नेताओं द्वारा अपनाई जाने वाली कूटनीति काफी ज्यादा असर दिखाएगी। इसी बीच आपस में चर्चा करने के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पॉम्पियो भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और ब्राजील के विदेश मंत्रियों के साथ कॉन्फ्रेंस के जरिए मीटिंग करके एकजुटता दिखाने का प्रयास किया है जोकि चीन के लिए चिंता का सबब बन सकता है।
अमेरिका के विदेश मंत्री के कहने पर बुलाई गई इस विचार विमर्श की चर्चा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर लगाए जाने वाले आरोप को एक कुटिनीति के तहत देखा जा रहा है। इस बैठक में इन देशों ने कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता के विषय पर चर्चा की है। साथ देशों के विदेश मंत्रियों के साथ ही इस बैठक में कोरोना वायरस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग, पारदर्शिता और जिम्मेदारी के विषय पर चर्चा की गई ।
भविष्य में स्वास्थ्य संकट को लेकर तथा कानून सम्मत, अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने की विषय पर भी चर्चा हुई है। मालूम हुआ कि कोरोना वायरस को लेकर चीन पर लगातार आरोप अमेरिका लगा रहा है कि चीन ने पारदर्शिता से काम नहीं किया और समय पर वैश्विक समुदाय को इस महामारी के बारे में जानकारी नहीं दी नतीजा आज 200 से भी अधिक देश इस महामारी से जूझ रहे हैं ।
मालूम हो कि यह पहली बार हुआ है जब अमेरिका कुछ अन्य प्रमुख देशों के साथ मिलकर कोरोना वायरस के विषय पर चर्चा करने के लिए सब को एकत्र किया। इस बैठक के दौरान दक्षिणी चीन के समुद्र का भी मुद्दा उठाया गया है जिस पर चीन लगातार अतिक्रमण कर रहा है। इस बीच अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच सहयोग के विषय पर बातचीत के लिए एक नया ढांचा भी तैयार हुआ है।
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भारत में अभी इस विषय पर अपने बात पूरी तरीके से स्पष्ट नहीं की है क्योंकि भारत अभी अपने पड़ोसी देश चीन को लेकर अपनी नाराजगी दिखाने से बच रहा है। अभी भारत कोरोना वायरस से निपटने पर ज्यादा ध्यान देना चाहता है और इसके बाद ही अपनी बात को स्पष्ट करेगा।
मालूम है कि भारत सरकार ने अपनी एफडीआई नीति में बदलाव कर दिया है जिससे चीनी कंपनियां निशाने पर आ गए हैं जिस पर चीन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।अभी पिछले एक हफ्ते के अंदर भारत और चीन की सेनाओं के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर झड़प की भी खबर आई ।
भारत के विदेश मंत्री शंकर ने एक ट्वीट के जरिए कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने के लिए 7 देशों के बीच हुई वर्चुअल मीटिंग के बारे में जानकारी दी और कहा के आगे भी इस तरह की चर्चाएं होती रहेंगी।