नाश्ता न करना

नाश्ता न करना, ज्यादा गुस्सा करना जैसी आदत भविष्य में बना सकती है दिल के मरीज

तनाव करने, सिगरेट का सेवन करने, शराब पीने, तंबाकू खाने, एक्सरसाइज न करने, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आज के कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना रहती है।

लेकिन इसके अलावा कई ऐसे कारण हैं जो हम प्रतिदिन करते हैं और उस पर ध्यान नहीं देते हैं और यह कारण भविष्य में दिल से जुड़ी बीमारी का रोगी बना सकते हैं।

हमारी दिनचर्या का असर हमारी सेहत पर पड़ता है और शरीर के कुछ अंग इस बात का संकेत दे देते हैं कि भविष्य में आपको कभी दिल से जुड़ी बीमारी हो सकती है जो सीधे-सीधे हार्ट अटैक का कारण भी बन सकती है। आज हम जानेंगे उन कारणों के बारे में जिनका हमारी सेहत पर भविष्य में बुरा प्रभाव पड़ता है।

दिल से जुड़ी बीमारी को बढ़ाने वाले कारण :-

 

ओरल हाइजीन –

भले यह सुनने में अजीब है, लेकिन ओरल हाइजीन और दिल की सेहत में संबंध है। पिछले कुछ सालों में हुए शोध से पता चलता है कि मुंह के मसूड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले यह बैक्टीरिया ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

जिसकी वजह से उनमें सूजन आ जाती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अगर मसूड़ों में सूजन, लालपन जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो इसके लिए तुरंत सचेत हो जाएं और डेंटिस्ट से सलाह लें। क्योंकि मुंह स्वस्थ रहेगा तो बीमारियां नही होंगी। इसलिए मुंह के स्वास्थ के लिए जरूरी है कि हर 6 महीने में डेंटिस्ट से चेकअप कराएं।

शिफ्ट वर्क –

काम के बदलते घंटे और बढ़ते काम के दबाव वजह से हृदय रोग ही नही बल्कि कई अन्य समस्याएं हो रही हैं। शिफ्ट वर्क की वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती है और बॉडी क्लॉक बदलने लगता है।

शिफ्ट वर्क से बॉडी का सर्काडियन रिदम प्रभावित होता है जो हृदय की सेहत पर असर डालता है। अगर आप भी शिफ्ट वर्क करते हैं तो कुछ न कुछ ऐसा कीजिए जिससे स्वास्थ्य दिनचर्या बना रहे।

इसके लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज और संतुलित आहार ले। इन तरीकों को अपनाकर काफी हद तक इससे  बचा जा सकता है। शोध में पाया गया है कि शिफ्ट वर्क स्ट्रेस डिसऑर्डर की वजह से जीवन प्रभावित हो रहा है।

गंजापन  –

2000- 17 में एक स्टडी हुई थी जिसमें हृदय रोग और गंजेपन को लेकर शोध किया गया था। जिसमें निष्कर्ष निकला कि गंजे लोगों को हार्ट प्रॉब्लम भविष्य में हुई है। 40 साल की उम्र से पहले ग्रे हेयर और गंजापन के लक्षण देखने को मिले थे।

40 साल से पहले गंजेपन होना हृदय रोग का लक्षण है। इसलिए ऐसे लोगों को समय-समय पर अपने दिल से जुड़े जांच को अवश्य कराना चाहिए।

नाश्ता न करना – 

जो लोग ब्रेकफास्ट छोड़ देते हैं, उन लोगों में भविष्य में हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे कई लोग जो सुबह नाश्ते के बजाय दोपहर में ज्यादा खाना खाते हैं जिसकी वजह से ओवर डाइटिंग करते हैं और इसका असर कोलेस्ट्रॉल पर पड़ता है। केलोस्ट्रोल लेवल बढ़ जाता है और यही दिल को नुकसान पहुंचाता है। इसलिए समय पर नाश्ता जरूर करें।

अनुवांशिक कारण –

दिल से जुड़ी बीमारी आनुवंशिक मानी जाती है। जिन घरों में युवाओं में किसी को हार्ट अटैक आया हो आगे के पीढ़ियों में इस तरह की समस्या होने की संभावना अधिक रहती है।

मल्टी टास्किंग –

आज बहुत सारे लोग मल्टीटास्किंग करते हुए देखे जाते हैं। मल्टीटास्किंग का मतलब एक साथ कई काम करना। यह एक अच्छी बात है। लेकिन मल्टीटास्किंग की वजह से लोग ज्यादा देर तक तनाव झेल सकते हैं।

ऐसे में समय का सही प्रबंधन बहुत ही जरूरी है। जो लोग समय प्रबंधन में असफल हो जाते हैं, उनमें झुंझलाहट बढ़ जाती है, जिसकी वजह से तनाव बढ़ता है और हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती।

टखनों में सूजन –

इन लोगों को पैरो या टखनों में सूजन की समस्या है उनमें हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। पैरों में सूजन तब आती है जब धमनियों में रक्त जमने लगता है और दिल तक सही से खून नहीं पहुंच पाता।

ऐसे में टखनों में सूजन इसका एक लक्षण है की हार्ट पंपिंग कम हो रही है। ऐसे में पैरों में होने वाली सूजन को नजरअंदाज न करें। अगर ऐसा बार-बार हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

ट्रैफिक जाम –

आजकल ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन गई है। जाम की समस्या जगह-जगह पर देखने को मिल जाती है। लेकिन जो लोग लंबे समय तक जाम में फंसते हैं उनमे झनझनाहट होती है। नतीजा यह होता है कि तनाव बढ़ जाता है जिसकी वजह से हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

जाम में फंसने की वजह से प्रदूषण के संपर्क में भी आते हैं जो कि हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है। जब कभी भी ट्रैफिक जाम में फंसे तो अपने मूड को अच्छा करने के लिए म्यूजिक सुने इससे तनाव कम होगा।

सोते समय खर्राटे लेना

जो लोग मोटे होते है और सोते समय खर्राटे लेते हैं उनमें हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहता है। क्योंकि मोटे लोग सही ढंग से सो नहीं पाते हैं और खर्राटे लेते हैं। सोते समय सही ढंग से सांस न ले पाने की वजह से हार्ट अटैक आने का खतरा बढ़ जाता है।

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