बच्चे पर्याप्त नींद न ले तो बाद में हो सकती है मानसिक समस्या

ADVERTISEMENT

पर्याप्त नींद लेना सभी के लिए जरूरी होता है चाहे वह बच्चा हो, बड़े हो या फिर बुजुर्गों हो । पर्याप्त नींद न लेने की वजह से कई तरह की मानसिक और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं । जब हम पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं या फिर नींद किसी भी वजह से पूरी नहीं हो पाती है तब अगले दिन पूरा दिन थकान और आलस वाला होता है ।

लेकिन यदि बच्चे पूरी नींद नहीं सोते हैं तो यह उनके लिए काफी ज्यादा खतरनाक हो सकता है । हाल में हुए एक शोध से इस बात का खुलासा हुआ है कि जब बच्चे पर्याप्त नींद नहीं ले पाते हैं या पूरी नींद नहीं लेते हैं तब आगे चलकर उन्हें कई सारी मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है । यानी कि अगर बच्चे पूरी नींद नहीं सो रहे हैं तब उनका मानसिक विकास भी अवरुद्ध हो सकता है और बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए पूरी नींद लेना बेहद जरूरी है ।

ADVERTISEMENT

यह शोध नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा किया गया है । इस शोध को करने वाले वैज्ञानिक ब्रोर एम रानुम का कहना है कि हमने अपने शोध में पाया कि बच्चों के नींद के घंटो का उनके इमोशनल और बिहैवियर डिसऑर्डर से संबंध होता है ।

जब बच्चे अच्छी और पूरी नींद नही सोते है तो यह उन्हें आगे चल कर कई मानसिक बीमारी और मानसिक समस्या से बचाने में काफी मददगार होता है । यह शोध जामा नेटवर्क ओपेन नाम के जनरल में प्रकाशित हुआ है ।

शोधकर्ताओं का मानना है कि पूरी नींद न लेना बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक है क्योंकि बच्चों का ज्यादातर मानसिक और शारीरिक विकास जब वे सोते हैं उस वक्त होता है । ऐसे में बच्चों के लिए पूरी नींद लेना आवश्यक है ।

वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन को करीब 2 साल तक किया जिसमें उन्होंने पाया कि जो बच्चे दिन में कुछ ही घंटे सोते हैं उन्हें आगे चलकर कई सारी मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, साथ ही उनमें एडीएचडी और डिप्रेशन, एंजायटी जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है ।

इस शोध में यह भी बताया गया है कि जो लड़के कम घंटे सोते हैं उनके व्यवहार में कई सारी जटिलताएं देखी जाती हैं जबकि अगर भावनात्मक समस्या की बात करें तो यह खतरा लड़के और लड़की दोनों में बराबर होता है । ध्यान रहे इस शोध में नींद की गुणवत्ता के बजाय नींद के घंटों पर ज्यादा ध्यान दिया गया है ।

बच्चों के नींद को मापने के लिए कि वे कितने घंटे सोए इसके लिए शोधकर्ताओं ने विशेष सेंसर का इस्तेमाल करीब एक हफ्ते तक रात के समय में किया । इसके बाद जो आंकड़े मिले उसका क्लीनिकल इंटरव्यू के द्वारा बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को परखने की कोशिश की ।

पर्याप्त नींद न ले तो बाद में हो सकती है मानसिक समस्या
पर्याप्त नींद न ले तो बाद में हो सकती है मानसिक समस्या

शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया शोध में शामिल सभी बच्चों के नींद का अध्ययन लगभग 2 साल तक किया । शोधकर्ताओं ने यह भी बताएं कि हो सकता है बच्चों के नींद कम लेने की कारण उनकी साइकोलॉजीकल समस्या भी जिम्मेदार हो सकती है ।

वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 3 से 4 साल तक की उम्र के बच्चों को 1 दिन में 10 से 13 घंटे की नींद लेना बेहद जरूरी होता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संबंध में अपनी गाइडलाइन में इस बात का भी उल्लेख किया है कि बच्चों की यह नींद गहरी और अच्छी होनी चाहिए । बच्चा लेटा हो और सो न रहा हो तो ऐसा नहीं होना चाहिए ।

यह भी पढ़ें : पेरेंटिंग : वक़्त है वक़्त बाँटने का

इसलिए अपने बच्चों के मानसिक विकास को बेहतर बनाने के लिए जरूरत है कि बच्चों के नींद पर विशेष ध्यान दिया जाए और अगर आप का बच्चा सही से नींद ना ले पा रहाहो तो इसके पीछे जिम्मेदार कारणों का पता लगाकर उन्हें दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, जिससे आपका बच्चा पर्याप्त मात्रा में नींद ले सके और उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहे ।

ADVERTISEMENT

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *