आजकल बुजुर्गों में बढ़ रही है स्मार्टफोन की लत

आजकल बुजुर्गों में बढ़ रही है स्मार्टफोन की लत

युवा और बच्चों में ही नहीं बल्कि आजकल तो बुजुर्गों में भी स्मार्टफोन  की लत देखने को मिल रही है । सरकारी नौकरी से रिटायर हुए एक बुजुर्ग सुबह टहलने जाते हैं लेकिन कभी भी अपने स्मार्टफोन के बगैर नहीं जाते है । उनका कहना है कि वे बिना स्मार्टफोन के खुद को अधूरा समझते हैं । ये बुजुर्ग पार्क में कुछ देर टहलने के बाद थकान के बहाने में स्मार्टफोन चलाने लग जाते हैं और इससे उनका मॉर्निंग वॉक एक घंटे के बजाय दो घंटे में पूरा हो पाता है ।

आजकल के बुजुर्गों में मोबाइल फोन के प्रति दीवानगी देखने को मिल रही है और मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने की इसकी तल बढ़ रही है । बुजुर्गों में बढ़ती मोबाइल की लत की वजह से उनकी सामाजिक जीवन में भी बदलाव आ चुका है । पहले जहां बड़े बुजुर्ग बच्चों के साथ बैठकर कहानियां सुनाते थे आज वे खुद को मोबाइल फोन में बिजी रहते हैं ।

विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में मोबाइल फोन के प्रति लत बढ़ी है । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए हाल में ही एक शोध में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है । स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले करीब  90 फीसदी लोग  इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें 18 से 40 साल तक के युवाओं का प्रतिशत 30 से 50 फ़ीसदी तक है और 40 से 60 साल की उम्र के 30 फीसदी  लोग स्मार्टफोन में इंटरनेट का प्रयोग करते हैं । वही 60 से 70 साल की उम्र के 15-20 फीसदी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं ।

स्मार्टफोन और इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग से उनके सामाजिक जीवन पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है । शोध में सामने आया है 71 फीसदी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने वाले लोग अपना फोन साथ में लेकर सोते हैं और प्रतिशत 35 फीसदी लोग ऐसे हैं जो स्मार्टफोन लेकर सुबह शाम  टहलने के लिए निकलते हैं ।

वही 44 फीसदी युवा हरदम अपने हाथ में मोबाइल लेना पसंद करते हैं । इस शोध में पाया गया है कि ज्यादातर लोग स्मार्ट फोन पर यूट्यूब और ऑनलाइन गेम खेलने में समय बिताते हैं और इसीलिए कंपनियां गेमिंग के कंटेंट डिवेलप करती रहती हैं । वहीं युवाओं में पैसा कमाने की होड़ में भी ऑनलाइन गेम तेजी से विकसित हो रहे हैं क्योंकि एक लेवल पार करने के बाद दूसरा लेवल पार करने पर रिवार्ड में पॉइंट मिलने का लालच होता है ।

आजकल बुजुर्गों में बढ़ रही है स्मार्टफोन की लत
आजकल बुजुर्गों में बढ़ रही है स्मार्टफोन की लत

इसमें कहा गया है कि बच्चों और युवाओं में फ्रंटल लोब का दुष्प्रभाव पड़ता है लेकिन अधिक उम्र के लोगों में इसका ज्यादा असर नहीं पड़ता है । फ्रंटल लोब मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जो मस्तिष्क को सही गलत और व्यवहारिक निर्णय लेने में मदद करता है ।

स्मार्टफोन की लत के चलते लोगो का सामाजिक जीवन प्रभावित होता है और लोगों की सोच-विचार, भावनाएं इससे प्रभावित हो जाती है । टेक्नोलॉजी एडिक्शन में स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉच, लैपटॉप आदि शामिल होते हैं और यह समस्या भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के हर देश में देखने को मिल रही है । बहुत सारे लोग तो इस लत के चलते पूरी तरीके से तनावग्रस्त पाए गए है । किसी भी लत से हमेशा बचने की कोशिश करनी चाहिए ।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *