10 करोड़ों वर्ष पहले सांप रेंगते नहीं बल्कि चलते थे : होते थे पैर
आप ने कभी ऐसा सुना है कि पुराने समय में सांपों के पैर होते थे । इस बात पर लोगों की अलग-अलग विचार भले ही हो लेकिन अभी हाल में ही शोधकर्ताओं ने इस बात को हकीकत बताया है । शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राचीन सांपों में पैर होते थे और चेहरे पर हड्डी होती थी ।
शोधकर्ताओं का कहना है कि सरीसृप वर्ग के ये प्राणी प्राचीन छिपकलियों की प्रजाति से मिलते थे । लेकिन सांपों की खोपड़ी का लचीलापन अचंभित करता है । यह लचीलापन किस तरह से आया इस बारे में अभी कोई विशेष जानकारी नहीं मिल पाई है ।
शोधकर्ताओं ने बताया कि सरीसृप वर्ग के प्राणी ‘नजस रोनगिरिना’ के जीवाश्म का अध्ययन किया गया । शोधकर्ताओं ने बताया कि 10 करोड़ साल पहले सांपो के पूर्वजों के पैर और चेहरे पर हड्डी होती थी ।
लेकिन यह ख़ासियत आज के समय में पाए जाने वाले सांपों में बिल्कुल विलुप्त हो गई है । यह शोध ‘साइंस एडवांसेज’ जनरल में प्रकाशित हुआ है ।
कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी की शोधकर्ताओं ने इस बात की जानकारी दी है कि कैसे छिपकली के पूर्वजों से साँपो की खोपड़ी विकसित हुई थी । ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के एलसेन्द्रों पालसि ने कहा कि दक्षिण अमेरिका के उत्तरी पैटागोनिया में सांपों के 10 करोड़ साल पुराने जीवाश्म मिले है । यह नजस रोनगिरिना का जीवाश्म अब तक का सबसे संरक्षित जीवाश्म था ।
इसमें नजस की खोपड़ी तीन तरफ से संरक्षित थी । जीवाश्म की जगह से सांपों के विकास के क्रम की बहुत भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिली है और इस बात का भी पता चला है कि सांपों में का विकास कैसे हुआ ।
नजस के सिर का आकार प्राचीन छिपकली से मिलता था और वर्तमान सरिसृप के बीच की कड़ी माना जाता था । इस शोध को करने के लिए शोधकर्ताओं ने नजस की खोपड़ी को हाई रेजुलेशन में स्कैन किया और शारीरिक बनावट को देखने के लिए माइक्रोस्कॉपी का प्रयोग किया गया ।
इस जीवाश्म का अध्ययन करने से नजस सांपों के वंशज सबसे प्राचीन गोंडवाना के गोलार्ध में निवास करते थे । इस शोध से इस विचार को बल मिलता है कि आधुनिक सांपों के पूर्वज बड़े शरीर और बड़े सिर वाले हुआ करते थे ।
वर्तमान में पाए जाने वाले सांपो से अलग इनकी लचीली खोपड़ी थी जिसकी सहायता से ये बड़े शिकारों को निगलने का काम करते थे । अभी इस जीवाश्म पर शोध किया जा रहा है ।