आइए जानते हैं हमारे Solar System के किस ग्रह को Vacuum Cleaner कहा जाता है
Solar System और ग्रहों की दुनिया अपने आप में बेहद दिलचस्प और अजीब होती है। इसे जितना को समझने की कोशिश की जाती है यह उतना ज्यादा ही उलझाती जाती है।
हर ग्रह की अपनी अलग विशेषता होती है जैसे पृथ्वी ग्रह की अपनी एक अलग विशेषता है। पृथ्वी को नीले ग्रह के तौर पर जाना जाता है।
अब तक पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहां पर जीवन संभव है। इसी तरह हमारे Solar System के अन्य ग्रह में है, जिनकी अपनी अलग खूबी है। आज हम जानेंगे हमारे Solar System के एक ग्रह बृहस्पति ग्रह की खूबी के बारे में।
दरअसल यह एक ऐसा ग्रह है जिसे Vacuum Cleaner ( वैक्यूम क्लीनर ) भी कहा जाता है। यह पूरा ग्रह गैसो का एक समूह है और इसे भारत ने ‘गुरु’ का नाम दिया है।
प्राचीन काल से ही इसे बृहस्पति ग्रह को कहा जाता है, अंग्रेजी में इसे जुपिटर के नाम से जानते हैं। दरअसल रोमन सभ्यता के एक पौराणिक देवता का नाम है।
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उसी से इस ग्रह का नाम जुपिटर रखा गया था। ग्राहक से जुड़ी कई सारी रोचक बातें हैं आइए जानते हैं बृहस्पति ग्रह से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी के बारे में जिसे आप शायद ही जानते हैं!
- बृहस्पति ग्रह पर एक दिन औसत 9 घंटा 55 मिनट का ही होता है, जबकि पृथ्वी पर एक दिन औसतन 24 घंटे का होता है। लेकिन सबसे दिलचस्प बात यह है कि पृथ्वी के 11.9 साल के बराबर बृहस्पति ग्रह का सिर्फ एक हु साल होता है।है ना बेहद दिलचस्प और अपने आप में बेहद हैरान कर देने वाली बात है।
- बृहस्पति ग्रह के बारे में कहा जाता है कि यहां पर कोई धरातल नही है। यह प्रमुख रूप से हाइड्रोजन गैस से बना हुआ है और हमेशा अमोनिया क्रिस्टल और अमोनिया हाइड्रोसल्फाइट के बादलों से ढका रहता है इसलिए इस ग्रह पर इंसानों का रह पाना एक तरह से नामुमकिन है।
- बृहस्पति ग्रह के एक और सबसे रोचक है। यही पर द ग्रेट रेड स्पॉट, दरअसल यह एक तूफान है जो लाल धब्बों की तरह दिखाई देता है।
- अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का कहना है कि बृहस्पति ग्रह पर सैकड़ों साल से एक तूफान चलता आ रहा है यह तूफान इतना बड़ा है कि पृथ्वी जैसे तीन और ग्रह है इसमें आसानी से समा सकते हैं
- फिलहाल वैज्ञानिक इस बात का जवाब नही दे पा रहे हैं कि यह तूफान कैसे और क्यों इतने सालों से इस ग्रुप पर चल रहा है।
- बृहस्पति ग्रह को हमारे सौर मंडल का वैक्यूम क्लीनर कहा जाता है। इसके पीछे वजह यह है कि यह बेहद शक्तिशाली उल्कापिंड कक आकर्षत् कर रहा है जिसकी मदद से सौरमंडल में आने वाली बाहरी उल्कापिंड को यह अपनी तरफ खींच कर अपने अंदर कर लेता है और अगर ऐसा नही होता है तो यह उल्कापिंड पृथ्वी या अन्य ग्रहों से भी टकरा जाते हैं जिसकी वजह से भारी तबाही होने की संभावना रहती है।
बृहस्पति ग्रह हमारे Solar System का सबसे बड़ा ग्रह भी है यह पृथ्वी से लगभग तीन गुना बड़ा है।